भारत का राष्ट्रीय चिन्ह बनाने वाले और संविधान की मूल पार्टी के पन्नी को सवारने वाली टीम के सदस्य अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त चित्रकार दीनानाथ भार्गव का निधन हो गया है. वो 89 वर्ष के थे. बता दें कि दीनानाथ भार्गव शांति निकेतन के कला गुरु नंदलाल बोस के प्रिय शिष्यों में से एक थे.

चित्रकला में हैं उनका विशिष्ट स्थान-

  • चित्रकार दीनानाथ भार्गव का चित्रकला के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान हैं.
  • मधुबनी पेंटिंग को कपड़ों में उतारने का श्रेय भार्गव को जाता है.
  • उन्होंने डबल देकर लूम से लेकर चंदेरी साड़ियों में नए ताने-बाने की शुरुआत की थी.

national symbol

  • उनकी बनाई वॉश पेंटिंग्स चित्रकला जगत में विशिष्ट स्थान रखती है.
  • पचास के दशक में यूरोप के वर्ल्ड आर्ट टूर में भी इनकी पेंटिंग्स को शामिल किया गया था.
  • इसके लिए उनके मैडल भी मिला था.
  • वे ऑल इंडिया हैंडलूम बोर्ड में नौकरी के लिए इंदौर आए थे.

हृदय की बीमारी से थे ग्रसित-

  • दीनानाथ भार्गव की पतोहू सापेक्षी भार्गव ने बताया कि वह पिछले कई सालों से ह्रदय की बीमारी से ग्रसित थे.
  • उनके परिवार में उनकी पत्नी प्रभादेवी और उनके दो पुत्र समेत चार बच्चे हैं.
  • उनका बड़ा बेटा जर्मनी में रहता है.
  • भार्गव का जन्म एक नवंबर को 1927 को बेतुल जिले के मुल्ताई में जन्मे थे.
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