चुनाव के करीब आते ही पार्टियां तरह-तरह के विकास के दावे कर करती नज़र आने लगती है। लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई भी नेता पलट कर विकास करने के लिए अव्यवस्थाओं की मार झेल रहे इलाकों में जाने से कतराते है। कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाला अमेठी भी इसी अव्यवस्था की मार झेल रहा है। अमेठी से राहुल गांधी सांसद और सपा के कद्दावर नेता गायात्री प्रजापति विधायक हैं। लेकिन इन दो दिग्गज पार्टियों की नज़र अमेठी के विकार पर नहीं है।

योजना में नाम शामिल पर नहीं मिला विकास

  • उत्तर प्रदेश के अमेठी में आज भी गांव बिजली, पानी, शौचालय, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के बिना रह रहे हैं।
  • प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना में चयन के बाद भी गांव बेहाल हैं।
  • इसी क्रम में मुसाफिरखाना तहसील के बखत में ग्रामीण,शौचालय, बिजली, आवागमन व पेयजल की समस्याओं से जूझ रहे हैं।
  • यहां ग्रामीण कई बार प्रशासन से गांव के विकास की मांग कर चुके हैं,
  • लेकिन किसी भी अधिकारी के पास गांव की ओर ध्यान देने की फुरसत नहीं है।
  • वर्ष 2014-15 में सरकारी योजना के तहत चयनित इस गांव के ग्रामीणों को अब तक मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाईं हैं।

अधिकारियों की लापरवाही आई सामनें

  • यहां अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं।
  • शौचालय का निर्माण न होने से ग्रामीण खुले में शौच के लिए मजबूर हैं।
  • सड़कों का निर्माण न होने से ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
  • साथ ही बिजल भी एक बड़ी समस्या बनी हुए है, जगह-जगह तार और खंभे टूटे पड़े हैं।
  • संबंधित विभाग को जानकारी देने के बाद भी कोई कर्मचारी इन्हें सही करने नहीं आता।
  • योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 में चयनित गांवों में विकास कार्य का पहिया शुरुआती दौर में तो तेज था,
  • लेकिन समय बीतने के साथ ही इसकी गति धीमी पड़ गई।
  • इससे ग्रामीणों को समुचित सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं।
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