बिजली उत्पादन के क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी नवरत्न कम्पनी राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एन0टी0पी0सी0) के सम्बन्ध में कोयला आधारित ईधन प्रबन्धन पर भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सी0ए0जी0) द्वारा जारी रिपोर्ट जिसे 3 फरवरी, 2017 को संसद के पटल पर रखा गया, उस पर ध्यान दें तो स्थिति काफी चौंकाने वाली है।

  • एन0टी0पी0सी0 के कुप्रबन्धन के चलते देश के विद्युत उपभोक्ताओं को मंहगी बिजली दरों का झटका झेलना पड़ा।
  • सी0ए0जी0 द्वारा कोयला आधारित ईंधन पर जारी अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2010 से 2016 के दौरान एन0टी0पी0सी0 द्वारा घरेलू कोयले की खरीद पर रू0 6869 करोड़ अतिरिक्त व्यय किया गया।
  • यानी कि मंहगी दरों पर कोयला खरीदा गया, जिसके चलते पूरे देश के विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में इजाफा हुआ।

अधिक खर्च का खामियाजा जनता ने भुगता

  • उपभोक्ता परिषद, केन्द्र की मोदी सरकार से यह सवाल करना चाहता है कि इस बड़ी अनियमितता के चलते जो हजारो करोड़ रूपया एन0टी0पी0सी0 द्वारा अधिक खर्च किया गया और उसका खामियाजा जनता ने भुगता।
  • क्या अब केन्द्र की मोदी सरकार देश की जनता/उपभोक्ता के नुकसान की भरपाई करेगी।
  • कोयला आधारित उत्पादन गृहों से पैदा होने वाली बिजली की कुल लागत का 60 से 70 प्रतिशत हिस्सा कोयले की कीमत का होता है, ऐसे में बिजली के दाम पर कोयले का असर बहुत ही अधिक होता है।
  • उपभोक्ता परिषद देश के प्रधानमंत्री से यह भी मांग करता है कि राज्यों के सभी निजी घरानों द्वारा स्थापित उत्पादन गृहों के वित्तीय मानक व कोयले खरीद की अविलम्ब सी0ए0जी0 आडिट से जांच करवाई जाये।

मंहगी दरों पर क्यों ख़रीदा गया घरेलू कोयला

  • उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व विश्व उर्जा कौंसिल के स्थाई सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पूरे देश में जब कोयले को लेकर हंगामा मचा था।
  • केन्द्र की मोदी सरकार ने पारदर्शी कानून बनाये उसके बावजूद भी एन0टी0पी0सी0 ने ऐसी अंधेरगर्दी क्यों की।
  • किस आधार पर चूक हुई और मंहगी दरों पर घरेलू कोयला खरीदा गया।
  • कोयला मंत्रालय द्वारा अधिसूचित राष्ट्रीय वितरण नीति के होते हुये भी इस प्रकार की घटना घटी जो अपने आप में चिन्ता का विषय है।
  • पूरे देश में 31 अक्टूबर 2016 तक स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता 307278 मेगावाट, जिसमें कोयला आधारित उत्पादन क्षमता 186493 मेगावाट थी।
  • एन0टी0पी0सी0 देश की सबसे बड़ी उत्पादन कम्पनी है उसके द्वारा इस प्रकार की अनियमितता/कुप्रबन्धन निश्चित ही बहुत बड़ा मामला है।
  • ऐसे में केन्द्र की मोदी सरकार को अविलम्ब उचित कदम उठाना चाहिये।
  • उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि यह तो एक केन्द्र सरकार के नियंत्रण में नवरत्न कम्पनी का हाल है।
  • पूरे देश व प्रदेश में निजी घरानों के बड़े पैमाने पर उत्पादन गृह स्थापित है ऐसे में निश्चित तौर पर वहाॅ पर भी इस प्रकार की अनियमितता अवश्य हो रही होगी और जिसका खामियाजा प्रदेश व देश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
  • ऐसे में केन्द्र की मोदी सरकार को अविलम्ब देश के सभी उत्पादन गृहों के वित्तीय कार्य कलापों व कोयला खरीद की उपभोक्ता परिषद सी0ए0जी0 से आडिट कराने की मांग करता है।
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