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राजधानी के सआदतगंज इलाके में बीते दिनों वृद्ध श्रवण साहू की हत्या जेल में बंद शातिर अपराधी अकील के ईशारे पर की गई थी।

  • शहर के ईस बहुचर्चित हत्याकांड का खुलासा करते हुए राजधानी पुलिस ने मुख्य शूटर समेत तीन आरोपियों को धर दबोचा है।
  • जबकि तीन अन्य आरोपी फरार बताये जा रहे हैं।
  • एसएसपी मंजिल सैनी ने इस घटना का शुक्रवार को खुलासा कर आरोपितों को सलाखों के पीछे भेज दिया।

अगले पेज पर CCTV में देखिये 12 सेकेंड में हुई थी हत्या:

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यह है घटनाक्रम

https://youtu.be/GQrHvWWHuZ8

  • बता दें कि 1 फरवरी को थाना क्षेत्र में 60 वर्षीय श्रवण साहू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
  • हत्याकांड के बाद से ही जेल में बंद अपराधी अकील पुलिस की नजर में था और आशंका जताई जा रही थी की हत्या अकील के इशारे पर ही हुई है।
  • अकील द्वारा ही वर्ष 2013 में श्रवण साहू के बेटे आयुष की हत्या मामूली विवाद में ठाकुरगंज इलाके में कर दी गई थी।
  • इसके बाद आरोपी अकील और उसके साथी को जेल भेजा गया।
  • जेल से छूटने के बाद अकील ने इंसाफ की जंग लड़ रहे श्रवण साहू की हत्या की योजना भी बनाई।
  • एसटीएफ और क्राइम ब्रांच को एसएसपी मंजिल सैनी ने खुलासे के लिए लगाया था।
  • एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की कड़ी मशक्कत से दोनों शूटरों सत्यम उर्फ उत्तम निवासी अंबेडकरनगर और अमन सिंह निवासी बस्ती को चार्ली बेकरी के पास रानीबाग दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया।
  • आरोपितों ने बताया कि शूटर सत्यम ने श्रवण पर गोली चलाई थी जबकि अमन बाइक पर पीछे बैठा हुआ था।
  • यही नहीं घटना के षड्यंत्र में शामिल अजय पटेल निवासी आंबेडकर नगर को भी गिरफ्तार किया गया है।

पुलिसकर्मियो संग रचा था अकील ने खेल

  • अकील ने श्रवण साहू के बेटे आयुष की हत्या कर दी थी।
  • इसके बाद बुजुर्ग श्रवण साहू ने अपने बेटे को इंसाफ दिलाने की मुहिम छेड़ दी थी।
  • जेल से छूटने के बाद अकील ने श्रवण साहू को डराने धमकाने और उसे षड्यंत्र के तहत फंसाने की नीयत से अपने खास पुलिसकर्मियों दारोगा धीरेंद्र शुक्ला,
  • कांस्टेबल धीरेंद्र यादव, कांस्टेबल अनिल सिंह से संपर्क किया और 9 जनवरी को कामरान, अनवर, तमीम और अफजाल को पारा पुलिस द्वारा उठाकर मोहान चौकी लाकर मारा पीटा गया और दबाव डालकर कहलवाया गया।
  • कि श्रवण ने अकील की हत्या की सुपारी दी है और उनकी रिकॉर्डिंग भी की गई।
  • घटना की जानकारी के बाद एसपी पूर्वी शिवराम यादव ने मामले की जांच की थी।
  • अकील का राजफाश हुआ तो षड्यंत्र के तहत उसने दिनांक 27 जनवरी को कोर्ट में सरेंडर कर दिया और जेल चला गया।
  • आर्थिक दंश झेल रहे सत्यम और अमन अकील की बातों में आ गए और श्रवण की हत्या के लिए राजी हो गए।
  • अकील के ड्राइवर ने श्रवण की हत्या करने से पहले उसकी और उसके घर की पूरी रेकी कराई गई थी।
  • 31 जनवरी को सत्यम और अमन समेत विवेक वर्मा पुनः विवेक की पल्सर से रेकी करने गए थे।
  • 1 फरवरी को हत्या करने के बाद अमन और सत्यम वापस इंदिरानगर गए थे और अजय पटेल से कपड़े छिपवाये थे।
  • इसके बाद दोनों शूटर दिल्ली के लिए निकल गए थे और विवेक को कॉल कर उसकी गाड़ी स्टेशन से ले जाने की बात कही थी।

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