आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद दक्षिण कश्मीर में फैली हिंसा, अशांति और पत्थरबाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। लेकिन जमीनी स्तर पर किये जाने वाले सुरक्षा बलों के काम में, राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण कश्मीर के कई इलाकों में ‘नक्सल राज’ जैसे हालात बन गये हैं।

25 आतंकवादी मुठभेड़ में भागने में कामयाब:

  • सेना के ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार पत्थरबाजी के कारण लगभग 25 आतंकवादी मुठभेड़ के दौरान भागने में कामयाब रहे हैं।
  • दक्षिण कश्मीर में तैनात अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप ने काम और मुश्किल कर दिया है।
  • अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर मामलों में उन्हें पीछे हटना पड़ता है।
  • एक पुलिस अधिकारी के अनुसार पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग में तकरीबन 80 युवक लापता हैं।
  •  ज्ञात हो कि इन संवेदनशील जिलों में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की खासी पकड़ है।
  • जिसके कारण अक्सर प्रशासन के कामकाज पर इसका खासा असर देखने को मिलता है।

सेना के काम में प्रदर्शनकारी डाल रहे बाधा:

  •  कश्मीर के इन इलाकों में आतंकवादी और उनके समर्थक पूरे अधिकार के साथ विरोध-प्रदर्शन करते हैं।
  • साथ ही प्रदर्शनकारी मुठभेड़ के दौरान सड़कों को जाम करके सेना के काम को अवरोध उत्पन्न करते हैं।
  • आपको बता दें कि पिछले साल 8 जुलाई 2016 को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के शीर्ष कमांडर बुहान वानी को एनकाउंटर में मार गिराया गया था।
  • जिसके बाद से कश्मीर के हालात बिगड़े हुए हैं।
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