उत्तर प्रदेश में किसानों के मुद्दों को लेकर उनका भारी समर्थन पाने वाली बीजेपी सरकार की किसानों के प्रति अब जिम्मेदारी और बढ़ गई है। साथ ही अब समय आ गया है कि प्रदेश में सरकार बनने के बाद बीजेपी अपने वादे पूरे करें। इसी मुद्दें को लेकर शुक्रवार को राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह के जयशंकर सभागार में राष्ट्रीय किसानमंच की बैठक का आयोजन किया गया।

सरकार बनने के बाद किसानों के नज़रे पीएम पर टिकी

  • राष्ट्रीय किसानमंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने पीएम मोदी से किसानों की कर्ज माफी के वायदो को पूरा करने की माॅग की।
  • उन्होंने कहा कि भाजपा पर सूबे की जनता व किसानो ने भरोसा जताया है,
  • इसलिए प्रधानमंत्री मोदी की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे सूबे में भाजपा सरकार के गठन के बाद होने वाली पहली बैठक मे ही इस वायदे को पूरा करें।
  • राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दीक्षित ने कहा कि पीएम की कर्ज माफी की बात फिर से जुमला ना साबित हो जाए।
  • अगर ऐसा हुआ तो किसान उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।
  • उन्होंने ये भी कहा कि गन्ना किसानों के बकाए भुगतान व उनकी भुगतान प्रक्रिया को बदलने का वादा भी पहली बैठक में पूरा किया जाना चाहिए।
  • प्रधानमंत्री ने अपनी सभी सभाओं में किसानों की बदहाली की बात कर उनके उत्थान की बात कर रहे है।
  • अब समय आ गया है कि किसानों की समस्याओ को दूर किया जाए,
  • क्योंकि अब केन्द्र व राज्य दोनों में उनकी पार्टी की सरकार है।

70 वर्षो के बाद भी किसानों की उपेक्षा

  • बैठक में देश के किसान नेताओं ने व्यापक रूप से संवैधानिक किसान आयोग स्थापित किए जाने की मांग को प्रमुखता से उठाया,
  • साथ ही किसान नेताओं ने सरकारों पर यह आरोप लगाया कि आजादी के 70 वर्षो के बाद भी किसानों की घोर उपेक्षा हुई है।
  • किसानों की फसल का समर्थन मूल्य भी सरकार तय करती है, जो की उनकी फसल के लागत के अनुकूल नहीं रहता।
  • आर्थिक रूप से कमजोर किसानो की हालत बदतर हो गई है।
  • जिस वजह से वो आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर है।
  • किसान नेताओ ने एक स्वर में कहा कि किसानों को चाहे वो किसी भी फसल का उत्पादक हो उसे लागत के बराबर मूल्य नहीं मिल रहा है।
  • आज तक सराकरों ने जो भी वायदे किए है वो पूरे नहीं हुए है।
  • सरकारी योजनाए केवल कागजो में बन रही है।
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