देश के उच्चतम न्यायालय द्वारा नोटबंदी पर दाखिल हुई याचिका पर आज हो रही सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा सरकार व RBI से कुछ सवालात किये गए थे. बता दें कि कोर्ट द्वारा केंद्र व रिज़र्व बैंक से पूछा गया था कि क्या 500 व 1000 के पुराने नोटों को जमा कराने के लिए जनता को एक और मौक़ा दिया जा सकता है. यही नहीं कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से यह भी पूछा गया कि पुराने नोट जमा कराने की मियाद अब तक बढ़ाई क्यों नहीं गयी है. जिसके बाद कोर्ट ने दोनों के नाम एक नोटिस जारी कर दिया है. आपको बता  दें कि इस मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होने वाली है.

31 दिसंबर को सरकार ने जारी किया था अध्यादेश :

  • देश में गत वर्ष आठ नवंबर को सरकार द्वारा नोटबंदी का निर्णय लिया गया था.
  • जिसके बाद जनता से अपने पुराने 500-1000 के नोट बैंकों में जमा कराने के आदेश दिए गए थे.
  • साथ ही यह भी कहा गया था कि जिस किसी व्यक्ति के भी पैसे किन्ही कारणों के चलते 30 दिसंबर तक जमा नहीं हो सकेंगे,
  • उन्हें सरकार को असल कारण बताना होगा जिसके बाद उनके पैसे जमा का लिए जायेंगे.
  • परंतु सरकार द्वारा ऐसा किया नहीं गया वहीँ इसके उलट सरकार ने 31 दिसंबर को एक अध्यादेश जारी किया.
  • इस अध्यादेश के अनुसार केवल भारत से बाहर रहने वाले लोगों को अपने पुराने पैसे जमा कर सकने की इजाज़त दी गयी.
  • इन्ही कारणों के चलते सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के खिलाफ याचिका दायर की गयी थी.
  • जिसपर कोर्ट द्वारा सुनवाई करते हुए दोनों केंद्र व RBI से सवाल किये गये.
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा की पीएम का भाषण कानून से बड़ा नहीं है.
  • साथ ही केंद्र सरकार को जनता की दिक्कतों का खयाल रखना चाहिए.
  • साथ ही दोनों के नाम एल नोटिस भी जारी कर दिया गया है.
  • आपको बता दें कि इस मामले पर कोर्ट द्वारा अगली सुनवाई 11 अप्रैल को की जानी है.
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