भारत पूरे विश्व में एक ऐसा देश है जो विविधता में एकता के लिए जाना जाता है. इसके साथ ही इस देश में कई धर्म बसते हैं, इन धर्मों के अंतर्गत कई सभ्यताएं और संस्कृतियाँ भी हैं. यही नहीं हर धर्म व संस्कृति में अपने नियम व रिवाज़ होते हैं. किसी भी देश में एक धर्म के अपने रीति रिवाज़ होना तो ठीक हैं.

परंतु इन रीति रिवाजों के नाम पर किसी के जीवन से खिलवाड़ करना या अपने भगवान् को मनाने के लिए किसी भी हद्द को पार कर जाना सही नहीं है. इन सभी बातों की परवाह किये बिना ही हमारे विकास की ओर अग्रसर देश में आज भी ऐसी प्रथाएं हैं जो देश को विकास के दर से वापस खींच लाती हैं. आइये जानते हैं कौन सी ऐसी अजीबो-गरीब प्रथाएं हैं जो देश को विकिसत होने नहीं दे रही हैं.

विचित्र किन्तु सत्य प्रथाएं :

बिना वर की शादी-

puberty celebration

  • भारत में वैसे तो विभिन्न तरह के रीति-रिवाजों के साथ शादियाँ होती हैं.
  • परंतु क्या कभी आपने सुना है कि कोई शादी बिना वर के हो?
  • जी हाँ दक्षिण भारत समेत कई राज्यों में आज भी एक लड़की का विवाह बिना वर के किये जाता है.
  • दरअसल इस प्रथा के अंतर्गत जब एक लड़की अपने यौवनारम्भ में होती तो उसके परिवार जन उसे दुल्हन की तरह तैयार करते हैं.
  • यही नहीं इस दौरान एक भव्य कार्यक्रम रखा जाता है जिसमे सभी रिश्तेदारों को बुलावा भेजा जाता है.
  • इस कार्यक्रम में सभी रिश्तेदार इस लड़की को अपना आशीर्वाद देते हैं और आने वाले जीवन की शुभकामनायें देते हैं.
  • साथ ही इस कार्यक्रम में लड़की की पूरे रीति रिवाज़ से शादी होती है परंतु इस शादी में वर नहीं होता है.
  • इस कार्यक्रम के बाद इस लड़की को एक कमरे में भेज दिया जाता है और उस कमरे में किसी भी पुरुष का प्रवेश वर्जित होता है.

कामाख्या देवी की माहवारी का उत्सव-

kamakhya devi temple

  • वैसे तो हमारे देश में माहिलाओं को होने वाली माहवारी को ज़्यादा उजागर नहीं किया जाता है.
  • ना ही देश में इसके बारे में आपको कोई बात करता नज़र आयेगा.
  • परंतु इसी देश का एक चेहरा ऐसा भी है जहाँ माहवारी को एक उत्सव की तरह मनाया जाता है.
  • आपको बता दें कि गुवाहाटी में स्थित माँ कामाख्या देवी मंदिर में माता की माहवारी का उत्सव मनाया जाता है.
  • यहाँ पर माँ की मूर्ति के साथ ही उनके गुप्तांग की भी पूजा की जाती है.
  • ऐसा माना जाता है कि जब भगवान् शिव माँ सती के शरीर को लेकर पूरे ब्रह्माण्ड में घूम रहे थे.
  • तब भगवान् विष्णु द्वारा उनके एक-एक अंग को अलग किया गया था.
  • इस प्रक्रिया के दौरान माँ सती का गुप्तांग गुवाहाटी में गिरा था जहां आज एक मंदिर स्थापित है.
  • आपको बता दें कि यहाँ ऐसी मान्यता है कि जून के माह में माँ सती माहवारी के दौर से गुज़रती हैं.
  • जिसके बाद यहाँ इस दौरान एक उत्सव मनाया जाता है साथ ही माँ को केवल लाल रंग की चीज़ें भेंट की जाती हैं.

सिर पर नारियल फोड़ना-

coconut breaking on head

  • वैसे तो देश में बहुत तरह की प्रथाएं हैं परंतु कुछ ऐसी भी प्रथाएं हैं जो इंसान के जीवन की कीमत पर होती हैं.
  • इनमे से एक हैं तमिलनाडु का आदि त्योहार भी हैं जिसके 18वें दिन यहाँ के प्रसिद्ध मीनाक्षी मंदिर में लोग्फ़ एक बड़ी संख्या मे जमा होते हैं.
  • इसके बाद वे इस मंदिर के पुजारी से रजामंदी के साथ अपने सर पर नारियल फुड्वाते हैं.
  • यहाँ के लोगों के नुसार उनकी मान्यता है कि ऐसा करने से अच्छा भविष्य व स्वास्थ्य मिलता है.
  • हालाँकि इस प्रथा पर मैडिकल चिकित्सकों द्वारा विरोध जताया गया है पर फिर भी यह प्रथा का अनुसरण किया जाता है.

अपने हाथ से बाल तोड़ना(केश लोचन)-

kesh lochan

  • पुरातन काल से बालों को आकर्षण का केंद्र माना जाता रहा है जिस कारण पहले विधवाओं के बालों को कटवा दिया जाता था.
  • इसी क्रम में जैन समुदाय के मुनि जो सभी तरह के भौतिक सुखों को छोड़ देते हैं वे अपने बालों का भी त्याग कर देते दें.
  • परंतु वे किसी आम तरीके से अपने बालों का त्याग नहीं करते हैं बल्कि अपने बालों को खुद अपने हाथों से तोड़ देते हैं.
  • जिसके बाद इन बालों को वे भगवान् को अर्पित कर अपने भौतिक जीवन को समाप्त कर प्रबुद्धता की राह पर चल पड़ते हैं.

बच्चे को ऊंचाई से गिराना-

baby dropping

  • यह एक ऐसी प्रथा है जिसे हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदायों द्वारा माना जाता है.
  • आपको बता दें कि इस प्रथा के अनुसार दो साल से कम या फिर नवजात शिशुओं को काफी ऊंचाई से एक व्यक्ति द्वारा फेंका जाता है.
  • जिसके बाद उस बच्चे को पकड़ने के लिए नीच कुछ लोग मौजूद होते हैं.
  • परंतु कई बार ऐसा भी हुआ है जब किसी बच्चे को फेंका  गया है तो वह नीचे मौजूद लोगों के हाथ से छूट गया है.
  • जिसके बाद इस बच्चे की मौत हो गयी है और परिवार वाले शोक करते रह गए हैं.
  • आपको बता दें कि इस प्रथा को मानने वालों के अनुसार बच्चे को फेंकने से परिवार को बच्चों का सुख मिलता है,
  • साथ ही जिस बच्चे को ऊंचाई से फेंका गया है उसका आने वाला जीवन और भाग्य अच्छा रहे.
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