राजधानी के बाजारखाला और आलमबाग इलाके में पुलिस की सह पर खुलेआम झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली महिलाएं स्मैक और गांजा चरस बेंच रहीं हैं। लेकिन कमीशन के चक्कर में पुलिस इनपर कार्रवाई नहीं करती।

  • यह कहना है यहां के दर्जनों लोगों का, इनका आरोप है कि पुलिस को इस अवैध कारोबार करने के बदले मोटी रकम हर सप्ताह पहुंचाई जाती है।
  • लोगों का कहना है कि पुलिस अपनी नाक बचाने के लिए एक दो लोगों की गिरफ़्तारी कभी-कभी दिखाकर सुर्खियां बटोर लेती है।
  • परंतु यह कारोबार आप को हर दूसरी झोपड़ी में चलता मिल जायेगा।
  • इससे पहले भी पिछली 2 अप्रैल को uttarpradesh.org ने ‘पुलिस के संरक्षण में बेचीं जा रहीं नशे की पुड़िया!’ नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
  • इसके बाद एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था लेकिन अब यह धंधा फिर से फलफूल रहा है।

झोपड़ी में महिलाएं बेंच रहीं नशा

  • हमारे द्वारा किये गए स्टिंग की यह तस्वीरें बाजारखाला थाना क्षेत्र के मवैया पुल के पास बनी झुग्गी-झोपड़ियों का है।
  • यहां एक महिला खुलेआम स्मैक की पुड़िया बेच रही है।
  • यहां के निवासियों की मानें तो हर झोपड़ी में नशे का कारोबार किया जाता है लेकिन पुलिस जान कर भी अंजान बनी रहती है।
  • इसका नतीजा यह है स्कूल जाने वाली लड़कियां और बच्चे इस इलाके में नशेड़ियों से काफी भयभीत रहते हैं।

युवाओं के जीवन में जहर घोल रहा है नशा

  • बाजारखाला इलाके के पास ऐशबाग पुल के मवइया इलाके की मछली मण्डी के आस-पास खुलेआम गांजा, चरस और स्मैक की बिक्री की जाती है।
  • यहां के स्थानीय निवासियों का आरोप है कि क्षेत्र में पुलिस के संरक्षण में अवैध कारोबार फैला हुआ है।
  • युवा ही नहीं बुजुर्ग भी नशे में दिन भर टल्ली रहते हैं।
  • इस क्षेत्र में पान की गुमटियों पर स्मैक और गांजा बेचा जा रहा है।
  • आरोप यह भी है कि क्षेत्र में सेक्स रैकेट भी पुलिस के संरक्षण में चल रहा है।
  • पुलिस शिकायत करने वाले को ही धमकाती है।
  • नशे का यह काला कारोबार शहर में अलग-अलग इलाकों में जैसे अलीगंज, इंद्रानगर, गोमतीनगर, आलमबाग, मवईया पुल, चारबाग स्टेशन सहित दर्जनों स्थानों पर चल रहा है।
  • इसी तरह जानकीपुरम, गाजीपुर सब्जी मण्डी एवं निशातगंज पुल के आसपास के स्थानों पर इस समय गांजे का तस्करी जोरों पर चल रहा है।
  • नवयुवकों के जिन्दगी के साथ खिलवाड़ कर रहे इस गांजे एवं चरस के व्यापारियों पर अंकुश लगा पाने में पुलिस अस्मर्थ साबित हो रहे है।
  • नशे की लत के कारण युवा अपराध की घटनाओं को अंजाम भी दे रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार आंखे बंद करके बैठे हैं।

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