हमारी रक्षा के लिए देश की सीमा पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सपूतों के परिवार उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। यूपी के कई शहीद परिवारों के साथ सरकार और प्रशासन भेदभाव कर रहा है। इसके चलते शहीद का परिवार धरना और आमरण अनशन पर बैठने पर मजबूर है। ताजा मामला संभल जिले का है यहां के शहीद हुए एक जवान का परिवार अनिश्चित कालीन आमरण अनशन पर बैठा हुआ है। अनशन के दौरान शहीद की पत्नी शनिवार सुबह बेहोश हो गई।

तमाम वादे किये लेकिन दो पैसे का काम नहीं

  • बता दें कि संभल जिले के पंसुका मिलके के निवासी सुधीश कुमार कटारिया चार साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे।
  • वह राजौरी सेक्टर में 16 अक्टूबर 2016 को हुए एक आतंकी हमले में शहीद हो गए थे।
  • उनके परिवार में पत्नी कविता देवी कटारिया के अलावा एक 11 माह की मासूम बेटी सुधी कटारिया है।
  • जिस वक्त सुधीश शहीद हुए थे उस समय उनकी बेटी महज 4 वर्ष की थी।
  • वह शहीद होने के चार साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुए थे।
  • शहीद सुदीश के पिता ने बताया कि बेटे के शहीद होने के बाद तमाम नेता और अधिकारी गांव में आये थे।
  • तमाम वादे भी किये थे लेकिन अब गांव में जाने से भी अधिकारी कतरा रहे हैं।
  • शहीद के चचेरे भाई मनोज कटारिया ने बताया कि शुक्रवार सुबह 8 बजे से परिवार आमरण अनशन पर है।
  • लेकिन कोई जिम्मेदार अधिकारी झांकने तक नहीं आया।
  • उनका कहना है कि भाजपा नेता अमरोहा के सांसद चौधरी कंवर सिंह तंवर ने शहीद की पत्नी से उसे गैस एजेंसी दिलाने का वादा किया था।
  • लेकिन अभी तक उनका वो वादा नहीं पूरा हुआ।
  • संभल के सांसद सत्यपाल सैनी ने शहीद के भाई को नौकरी दिलाने, शहीद के घर से शहीद स्मारक तक सीसी रोड बनवाने का वायदा किया था।
  • परंतु आज तक उनका वादा भी पूरा नहीं हुआ नतीजन पूरे परिवार को आमरण अनशन पर बैठना पड़ा।

पत्नी हुई बेहोश तो आये अधिकारी

  • मनोज ने बताया कि जब शहीद की पत्नी शनिवार को बेहोश हो गईं।
  • इसकी सूचना देने के बाद भी एम्बुलेंस नहीं आई।
  • सूचना के बाद एसडीएम राशिद अली खां और सीओ बीपी सिंह बालियान मौके पर आये।
  • आरोप है कि दोनों अधिकारी निधि में पैसे ना होने की बात कहते हुए आश्वासन देकर चले गए।
  • शहीद की पत्नी की मांग है कि जब तक सीएम योगी आदित्यनाथ उनसे मिलने नहीं आएंगे तबतक अनशन समाप्त नहीं होगा।
  • अनशन पर शहीद की पत्नी कविता, मां हरवती, चाचा सुधीर, पिता ब्रह्मपाल, भाई अनिल, भाई मनोज, चाचा डॉ. मुनिदेव, चाचा प्रमोद, चाचा चंद्रपाल, चाचा हेमराज, भाई ब्रजेश दादा जागन सिंह शहीद की समाधि पर आमरण अनशन पर बैठे हैं।

 

 

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