देश के प्रसिद्ध कोयला आवंटन घोटाले में अब सीबीआई की ख़ास अदालत द्वारा फैसला सुना दिया गया है. जिसके तहत अब इस मामले में आरोपी व पूर्व सचिव सचिन गुप्ता समेत अन्य अधिकारियों को दो साल की सज़ा सुना दी गयी है. हालाँकि सीबीआई द्वारा कोशिश की गयी थी कि उन्हें सात साल की सजा सुनाई जाए. वहीँ अन्य इसी के तहत अन्य मामले में उन्हें ज़मानत दे दी गयी है.

गैर-सरकारी कंपनी को कोयला बेचने का था आरोप :

  • कोयला आवंटन घोटाला मामले में अब सीबीआई की ख़ास अदालत द्वारा फैसला सुना दिया गया है.
  • जिसके तहत पूर्व सचिव एचसी गुप्ता समेत कई अन्य अधिकारियों को दो साल की सजा सुना दी गयी है.
  • हालाँकि सीबीआई द्वारा पूरी कोशिश की गयी थी कि इस मामले में आरोपियों को सात साल की सजा सुनाई जाए.
  • परंतु कोर्ट द्वारा सभी सबूतों और गवाहों को सुनने के बाद यह फैसला लिया गया है.
  • कोयले के 2005 से 2008 सचिव रहे एचसी गुप्ता समेत जॉइंट सेक्रेटरी केएस क्रोफा,
  • साथ ही इसके डायरेक्टर केसी सामरिया इस घोटाले में मुख्य आरोपी हैं जिन्हें अब दो साल की सजा सुनाई गयी है.
  • बता दें कि यह घोटाला मध्यप्रदेश के रुद्रपुरी का है जहाँ इस सरकारी खदान द्वारा एक गैर सरकारी कंपनी को कोयला बेचा गया है.
  • इस मामले में वकील वीके शर्मा ने कोर्ट को बताया गया कि तीनों अफसरों ने सरकार को नुकसान पहुँचाया है.
  • जिसके बाद ऐसे मामले में आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए क्योकि वे इसके हकदार हैं.
  • इस मामले में साल 2012 में एक FIR दर्ज कराई गयी थी परंतु साल 2014 में इस मामले की फाइल को बंद दिया गया था.
  • जिसके बाद इस मामले को गत वर्ष एक बार फिर खोला गया है,
  • साथ ही सभी आरोपियों की सजा पर सुनवाई कि गयी है.
  • सभी तरह के आरोप तय होने के बाद तीनों आरोपियों को अब दो साल की सजा सुना दी गयी है.
  • इसके अलावा इस मामले में एक अन्य सुनवाई के तहत इन तीनों आरोपियों को ज़मानत दे दी गयी है.
  • साथ ही इस मामले में एक और आरोपी पवन कुमार आलुवालिया को बरी कर दिया गया है.
  • बता दें कि पवन कुमार KSSPL कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर रहे हैं.

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