भारतीय जनता पार्टी को आज सरकार बनाये तीन साल पूरे हो चुके हैं. ऐसे में देश भर में सरकार के इन तीन सालों का मूल्यांकन किया जा रहा है. जहाँ एक ओर कोई इन तीन सालों में सरकार कि उपलब्धियों की ओर देख रहा है, तो वही कुछ लोग इस ओर देख रहे हैं कि सरकार की इन तीन सालों में क्या खामियां रही. ऐसे में हम आज आपके सामने सरकार की इन तीन सालों में उपलब्धियों और चुनौतियों के बारे में बात करेंगे.

तीन साल…बड़ी उपलब्धियां और चुनौतियाँ :

नोटबंदी-

  • उपलब्धि-यह एक ऐसा कदम था जिसने देश भर के सभी धन्नासेठों को हिला कर रख दिया था.
  • सरकार की इस मुहिम से ना केवल काला-धन उजागर हुआ था,
  • बल्कि आम जनता को इसकी असलियत का भी पता चला था.
  • इस मुहिम से सरकार व रिज़र्व बैंक को बड़ी मात्रा में काला धन मिला था.
  • बीजेपी सरकार के इस कदम का जनता ने खुले दिल से स्वागत किया था और अपनाया था.
  • चुनौती-इस कदम को उठाने के बाद सरकार को सबसे ज्यादा चुनौती नयी मुद्रा छापने में आई.
  • बता दें कि इस कदम के बाद जनता घंटों लाइनों में लग पैसे का इंतज़ार करती थी.
  • इस दौरान कई लोगों की जान तक चली गयी थी और कई लोगों को काफी परेशानियाँ भी उठानी पड़ी थीं.
  • यही नहीं सरकार द्वारा राशि की निकासी पर भी एक सीमा निर्धारित करने के चलते जनता को खासा परेशानियाँ झेलनी पड़ी थीं.

स्वच्छ भारत मिशन-

  • उपलब्धि-पीएम मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से ऐलान किया गया था कि देश को स्वच्छ बनाये.
  • इस योजना के तहत उन्होंने खुद बनारस के घाट पर जाकर सफाई का कार्य पूरा किया था.
  • साथ ही एक मिसाल पेश की थी कि यदि पीएम मोदी खुद सफाई कर सकते हैं,
  • तो देश की जनता तो इस कदम को अपना ही सकती हैं और देश को साफ़ रखा जा सकता है.
  • इस अभियान में सबसे ज्यादा बढ़-चढ़ कर युवाओं ने भाग लिया था.
  • जिसके बाद हाल ही में सरकार द्वारा स्वच्छता की एक रिपोर्ट पेश की गयी थी.
  • जिसमे पिछले समय से तीन साल में काफी बदलाव देखने को मिला है.
  • चुनौती-इस मुहिम की शुरुआत से ही सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था.
  • जिसमे प्रमुख था विपक्ष का इस मुद्दे पर चुटकियाँ लेना यही नहीं राज्यों को इस दिशा में मोड़ना भी एक चुनैती ही थी.
  • बता दें कि स्वच्छता रिपोर्ट के अनुसार देश में अभी भी कई ऐसे राज्य हैं जिनमे सफाई की मुहिम को शुरू भी नही किया गया है.
  • ऐसे में यह कदम भी सरकार के लिए एक चुनौतीपूर्ण रहा है.

जनधन योजना-

  • उपलब्धि-पीएम मोदी द्वारा अपना कार्यभार सँभालने के साथ ही एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया था.
  • जिसके तहत देशभर के सभी लोगों को बैंक के खातों से जोड़ने के लिए यह कदम उठाया गया था.
  • सरकार के इस कदम से लाखों देशवासी अपने खाते खोल पाने के इच्छुक हुए.
  • साथ ही इस मुहिम से बाद देश भर में सभी के पास अपना बैंक खाता था.
  • इस मुहिम में सरकार द्वारा खातों को खोले जाने पर बीमा की रकम का भी ऐलान किया गया था.
  • जिसके बाद लाखों की संख्या में खाते खोले गए और इसके चलते जनता सरकार की कई योजनाओं से जुड़ सकी है.
  • चुनौती-इन खातों को खोलने के समय भी सरकार द्वारा कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था.
  • जिसके तहत सरकार द्वारा इस मुहिम के ऐलान के साथ ही जनता अपने खाते खुलवाने के लिए उमड़ पड़ी थी.
  • ऐसे में बैंक करमचारियों के लिए ये खाते खुलवा पाना बेहद कठिन हो गया था.
  • यही नहीं जब सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया था तब देश के कुछ मास्टरमाइंड लोगों ने अपने काले धन को इसमें छुपा दिया था.
  • ऐसे में सरकार के लिए ये खाते खुलवाना और इनका खुला रहना काफी चुनौतीपूर्ण रहा था.

मेक इन इंडिया-

  • उपलब्धि-मेक इन इंडिया केंद्र सरकार की बहुत महत्वकांशी योजना है.
  • इस योजना के तहत पीएम मोदी द्वारा कई विदेशी दौरे किये गए हैं.
  • साथ ही इसके तहत गुजरात समेत देश के विभिन्न भागों से व्यवसाइयों को इससे काफी मदद मिली है.
  • पीएम मोदी की इस योजना से विदेश के कई देशों द्वारा भारत में निवेश किया गया है.
  • जिसके चलते इसका सीधा असर भारत की अर्थव्यवस्था और जीडीपी पर पड़ा है.
  • चुनौती-सरकार की इस मुहिम में कई चुनौतियाँ भी सामने आई हैं.
  • इसमें से मुख्य है विपक्ष द्वारा लगातार सरकार पर हमले किये जाना.
  • यही नहीं पीएम मोदी द्वारा किये जाने वाले विदेशी दौरों पर भी विपक्ष द्वारा कई सावल उठाये गए हैं.
  • इस मुहिम में कई देशों ने जमकर निवेश किया वहीँ कुछ देशों ने इससे अपना किनारा किया है.

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट-

  • उपलब्धि-केंद्र सरकार द्वारा बीते समय में देश के 100 शहरों को स्मार्ट बनाने की योजना थी.
  • इस कदम का देशवासियों द्वारा खुले दिल से स्वागत किया गया था.
  • बता दें कि यह भी सरकार की महत्वकांशी योजनाओं में से एक थी.
  • स्मार्ट सिटी की योजना सरकार की विकास की ओर की जाने वाली महत्वपूर्ण योजना थी.
  • चुनौती-ज़मीनी तौर पर देखा जाए तो यह योजना अब तक केवल कागजों में ही मौजूद है.
  • इस योजना को अब तक क्रियान्वित रूप में पूर्ण नहीं किया नहीं जा सका है.
  • हालाँकि सरकार द्वारा कई प्रयास किये जा रहे हैं कि इस प्रोजेक्ट को पूर्ण किया जा सके,
  • परंतु इन तीन सालों में इस योजना की शुरुआत नहीं की जा सकी है.
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