ग्रैफीन (graphene) दुनिया का सबसे पहला टू डाईमेंशनल पदार्थ है, जो पारदर्शी होने के बावजूद भी स्टील से 300 गुना अधिक मजबूत होता है। ग्रैफीन के जरिए पूरी दुनिया से पानी की समस्या को समाप्त किया जा सकता है। साथ ही इससे कागज की तरह मुड़ने वाला मोबाइल फोन भी बनाया जा सकता है। ये बातें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सहयोगी एवं एडीए के डायरेक्टर रहे वैज्ञानिक मानस बिहारी वर्मा ने कही है।

उपकरणों में ला सकता क्रांतिकारी बदलाव:

  • एडीए के डायरेक्टर रहे वैज्ञानिक मानस बिहारी वर्मा ने एक कार्यक्रम में ग्रैफीन को बड़ी बाते कही है।
  • उन्होंने कहा कि ग्रैफीन से कागज की तरह मुड़ने वाला मोबाइल फोन भी बनाया जा सकता है।
  • साथ ही कहा कि ग्रैफीन विद्युत का तेज संवाहक है।
  • कहा कि शोधकर्ताओं का मानना है कि ग्रैफीन भविष्य में बनने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

कई समस्याओं को हल कर सकता है ग्रैफीन :

  • कार्यक्रम में वैज्ञानिक वर्मा ने अपने द्वारा बनाये गये लड़ाकू विमान ‘तेजस’को याद किया।
  • कहा कि अगर ग्रैफीन का उपयोग सही तरीके से किया जाए तो तेजस या फिर अन्य विमानों को भी और भी हल्का एवं बेहतर बनाया जा सकता है।
  • साथ ही कहा कि ग्रैफीन की मदद से पीने के पानी से 99.9 प्रतिशत आर्सेनिक हटाया जा सकता है।
  • मानस बिहारी वर्मा ने कहा कि ग्रैफीन की मदद से समुद्र के खारे पानी को भी मीठे जल में बदला जा सकता है, मतलब ग्रैफीन के जरिए पूरी दुनिया से पानी की समस्या को समाप्त किया जा सकता है।
  • कहा कि साथ ही आर्सेनिक जल के कारण कैंसर जैसी बीमारी से भी आम लोगों को निजात मिल सकती है।

कागज की तरह मोड़ने वाला बन सकता है फोन :

  • वैज्ञानिक वर्मा ने विभिन्न क्षेत्रों में ग्रैफीन के महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में जानकारी दी।
  • कहा कि ग्रैफीन युक्त पदार्थों का प्रयोग कर विभिन्न वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों जैसे बैटरी, सोलर सेल आदि की गुणवत्ता को और अधिक निखारा जा सकता है।
  • साथ ही इसके द्वारा भविष्य में लचीला मोबाइल, टैबलेट, टीवी आदि का भी निर्माण संभव है।
  • उन्होंने बताया कि ग्रैफीन से मोबाइल बन सकता है जिसे कागज की तरह आसानी से मोड़ा जा सकता है।

ग्रैफीन (graphene) से कई गंभीर रोग का इलाज संभव :

  • वैज्ञानिक ने बताया कि इसका उपयोग स्टेम सेल बनाने में किया जा सकता है, जो अभी तक संभव नहीं था।
  • उन्होंने कहा कि ग्रैफीन की मदद से ब्रेन कैंसर को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
  • कहा कि हैपेटाइटिस ए, बी और सी की पहचान बिना खून, पेशाब आदि जांच के भी ग्रैफीन निर्मित सेंसर से तुरंत की जा सकती है।
  • अस्थमा जैसी बीमारी का भी इलाज संभव है, ग्रैफीन स्पाइनल कॉर्ड की गड़बड़ी को भी ठीक कर सकता है।
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