शिवसेना ने हाल ही में बयान दिया कि मोहन भागवत राष्ट्रपति पद के लिए एक उपयुक्त व्यक्ति हैं। शिवसेना के इस बयान का आजम खान ने भले ही खुलकर विरोध नहीं किया लेकिन कुछ ऐसे तंज कसे जिससे यह साफ जाहिर होता है कि उन्हें यह कत्तई पसंद नहीं आ रहा है कि राष्ट्रपति पद का दावेदार एक ऐसे व्यक्ति को बनाया जाए जिसे एक दिन की कोर्ट से सजा दी जा चुकी है। हालांकि वह यह बात बिल्कुल भी खुलकर नहीं कह रहे हैं लेकिन उनके मन के भाव उनके इस तरह के बयान से साफ जाहिर हो जाते हैं कि शिवसेना का यह बयान उनके गले से नीचे नहीं उतर रहा है।

संवैधानिक मान्यताओं का रखें ख्याल

  • जब बात राष्ट्रपति पद की होती है तो मन में एक अलग ही छवि उभर कर आती है।
  • संविधान के अनुसार राष्ट्रपति एक ऐसे व्यक्ति को ही बनाया जा सकता है जो कि भारत का नागरिक हो।
  • साथ ही उसकी छवि साफ सुथरी होनी चाहिए उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।
  • जहां तक शिवसेना के बयान की बात है तो उन्होंने भले ही राष्ट्रपति पद के लिए भागवत का नाम दिया है।
  • मगर मोहन भागवत बिल्कुल भी इस पद को स्वीकार करने के मूड में नहीं है।
  • वहीं दूसरी ओर आजम खां को शिवसेना का यह बयान बिल्कुल भी पसंद नहीं आया।
  • उन्होंने बिना मोहन भागवत का नाम लिया उन्हें सिरे से खारिज कर दिया।
  • उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति नहीं होना चाहिए जो कि मुजरिम रह चुका हो।
  • ऐसे किसी भी व्यक्ति को इस प्रतिष्ठित  पद पर नहीं बैठाया जा सकता है जिसे एक दिन की सजा कोर्ट से मिल चुकी हो।
  • संविधान  का ध्यान रखते हुए ऐसे व्यक्तियों को संवैधानिक कुर्सियों तक नहीं जाना चाहिए।
  • किसी भी व्यक्ति की वजह से देख की अखंडता पर सवाल नहीं खडे होने चाहिए।
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