देश कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान के मंसूबों को नाकाम करने में जुटा था. भारतीय फौज कारगिल में पाक को मुंहतोड़ जवाब दे रही थी. सेना हर मोर्चे पर पाकिस्तान के इरादों को ध्वस्त करते हुए कारगिल की चोटी पर कब्ज़ा करने के लिए आगे बढ़ रही थी. उसी युद्ध में भारत का एक वीर जवान पाकिस्तान के छक्के छुड़ा रहा था.

कारगिल में पाक के दांत किये खट्टे:

  • श्रीनगर-लेह मार्ग पर चोटी 5140 पर फतह के बाद कैप्टन बत्रा ने रेडियो के जरिए विजय उद्घोष दिया.
  • ‘ये दिल मांगे मोर’ उसके बाद देश भर में बेहद लोकप्रिय हुआ.
  • कारगिल लड़ाई के दौरान पॉइंट 4875 पर कब्जे के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा शहीद हुए.
  • हिमाचल प्रदेश के रहने वाले कैप्टन बत्रा की याद में पालनपुर में एक ‘शहीद शिला’ बनाई गई है.,
  • वहां जाकर ये मालूम किया जा सकता है कि किस तरह से उनके जीवन की रक्षा के लिए देश के वीर सपूतों ने कुर्बानी दी.

कैप्टन बत्रा ने कहा था कि ‘अगर मैं युद्ध में शहीद होता हूं तो तिरंगे में लिपटा आऊंगा और अगर जीत कर आऊंगा तो भी तिरंगे में लिपटा आऊंगा’.

कैप्टन मनोज पाण्डेय की शहादत को याद कर हर आंख में आये आंसू

शेरशाह था कोड नेम:

  • कैप्टन बत्रा का कोड नेम शेरशाह था जिससे पाकिस्तान सेना भी वाकिफ थी.
  • पाकिस्तान की सेना उनके इस नाम से बखूबी वाकिफ थी.
  • यही वजह थी कि शेरशाह का नाम सुनते ही पाकिस्तान सेना के होश उड़ जाते थे.
  • भारत ने कारगिल के युद्ध में पाकिस्तान के मंसूबे को नाकाम कर दिया.
  • इस युद्ध के दौरान शौर्य की मिसाल पेश करने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया.
  • भारत के इस वीर सपूत की वीरगाथा हर देशवासी की जुबान पर रहती है.
  • अपने प्राणों का बलिदान देकर अपनी मातृभूमि की रक्षा करने वाले सैनिकों की कमी नहीं है.
  • विक्रम बत्रा ने जिस बहादुरी के साथ दुश्मनों का मुकाबला किया, इतिहास में विक्रम बत्रा का नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित हो गया.

वीर अब्दुल हमीद- पैटन टैंक डिस्ट्रॉयर!

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें