राजधानी के सिविल अस्पताल के सामने स्थित dawaghar.com मेडिकल स्टोर को फ़ूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट ने छापा मार कर उसका क्रय-विक्रय बंद करवा दिया। एफएसडीए की टीम के पास एक लिखित शिकायत आई थी जिसमे शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि मेडिकल स्टोर बिल पर जो बैच नंबर डाल कर देता है वह दी हुई दवाओं के बैच नंबर से अलग होता है।

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मरीजों को दे रहे थे दूसरे बैच नंबर की दवा

  • ड्रग इंस्पेक्टर रमा शंकर ने बताया कि इस मामले में एफएसडीए को लिखित शिकायत आई थी।
  • जिसमें बताया गया कि सिविल के सामने स्थित दवा घर डॉट कॉम नाम के मेडिकल स्टोर पर बिल में जिस बैच नंबर का ज़िक्र रहता है।
  • उस बैच नंबर कि दवा ना देकर दूसरे बैच नंबर की दवा मरीजों को दी जा रही है।
  • जिसके बाद एफएसडीए की टीम ने छापा मारकर जब स्टॉक चेक किया तो उसमे गड़बड़ी पायी गई।
  • टीम ने मेडिकल स्टोर से दवाओं के सैंपल लेकर तत्काल प्रभाव से स्टोर पर ताला जड़ दिया है।
  • उन्होंने बताया कि जिस दौरान स्टोर पर छापा पड़ा वहां मेनेजर कल्पना सिन्हा मौजूद थी।
  • जिसके बाद उन्हें नोटिस देकर मेडिकल स्टोर बंद करवा दिया गया है।

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इस दवा के बैच नंबर की हुई शिकायत

  • शिकायतकर्ता का आरोप था कि मेडिकल स्टोर ने उन्हें यास्मिन टेबलेट दिया था।
  • जिसपर बैच नंबर 380 लिखा था वहीँ बिल पर बैच नंबर 4210 पड़ा हुआ था।
  • इसके साथ ही मेफ्टोल स्पोस दवा में बैच नंबर वाईएमएस1724 पड़ा था वहीँ बिल पर वाईएमएस1742 पड़ा हुआ था।

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