लखनऊ विकास प्राधिकरण में जनता अदालत का आयोजन किया गया। इसमें 90 फरियादियों ने कार्यों के निस्तारण के लिए आवेदन पत्र दिए। प्राधिकरण भवन के भूतल स्थित सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में उपाध्यक्ष प्रभु एन. सिंह जन सामान्य की शिकायतें सुनीं। मौके पर ही 11 प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया। इस दौरान यहां सचिव जय शंकर दुबे, अपर सचिव अनिल भटनागर, मुख्य अभियंता ओपी मिश्रा, विशेष कार्याधिकारी राजेश शुक्ल, संयुक्त सचिव एनएन सिंह तथा तहसीलदार व नायाब तहसीलदार, योजना से संबंधित सभी उप सचिव एवं अन्य संबंधित मौजूद रहे।

फिर मिला आश्वासन

  • यहां आए फरियादी चंद्रेश खन्ना ने बताया कि वह दिल्ली में रहते हैं।
  • वर्ष 2002 में गोमती नगर विस्तार स्कीम के अंतर्गत उन्होंने अपनी मां के नाम एक प्लॉट खरीदा।
  • छह साल बाद 2008 में प्लॉट की रजिस्ट्री भी कर दी गई लेकिन अभी तक कब्जा नहीं मिला।
  • कई बार प्राधिकरण के अधिकारियों के सामने समस्या रखी लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।
  • चंद्रेश बोले, वह छठवीं बार प्राधिकरण दिवस में आए हैं। हर बार शिकायत पत्र ले लिया जाता है।
  • और आश्वासन दे दिया जाता है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है।
  • इस बार भी उन्हें आश्वासन दिया गया है।
  • कहा गया है कि तीन माह के अंदर समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।

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कब्जे के लिए 20 साल से भटक रहे

  • आशियाना निवासी मनोज ने बताया कि उनकी बुआ के नाम पर वर्ष 1996 में ईडब्ल्यूएस मकान आवंटित किया गया था।
  • यह मकान कानपुर रोड योजना सेक्टर जी में स्थित है।
  • आलम यह है कि अभी तक उन्हें कब्जा नहीं दिया गया है।
  • कई बार प्राधिकरण दिवस में प्रार्थना पत्र दिया जा चुका है, लेकिन नतीजा सिफर है।
  • एलडीए के चक्कर लगाने वालों में हरिओम गुप्ता भी शामिल हैं।
  • पत्नी सावित्री देवी के साथ आए हरिओम ने बताया कि वह आरएसएस 227 गीतापुरी खरगापुर गोमती नगर विस्तार निवासी हैं।
  • उन्हें बसंतकुंज योजना में मकान नंबर एस 2/357 वर्ष 2007 में आवंटित किया गया।
  • वह किस्त यूको बैंक में जमा करने लगे। 2010 में बैंक ने मकान का कम्प्यूटर नंबर लाने को कहा।
  • तब से आज तक बाबू से लेकर अधिकारी तक ने कम्प्यूटर नंबर नहीं दिया।
  • आरोप है, अब अधिकारी वर्तमान दर पर मकान लेने को कह रहे हैं।
  • उनका कहना है कि बकाया राशि भी एक मुश्त जमा करनी होगी।
  • वह बोले, हमारी आर्थिक स्थिति कमजोर है। इसलिए वह ऐसा नहीं कर सकते।
  • आज भी उपाध्यक्ष से एक मुश्त रकम न लिये जाने के लिए निवेदन किया।
  • जिसके बाद फिर से पहले की तरह ही लॉलीपॉप देकर टरका दिया गया। अब देखिए क्या होता है।

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