मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में केंद्रीय कारागार से भागे प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ कार्यकर्ताओं के मुठभेड़ में मारे जाने की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से न कराए जाने पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किए जाने के बाद सियासत गर्मा गई है।

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गड़बड़ी होने की आशंका-

  • कांग्रेस ने मुठभेड़ में कुछ गड़बड़ी होने की आशंका जताई है।
  • वहीं सरकार ने न्यायिक जांच जारी होने का हवाला दिया है।
  • मालूम हो कि दीपावली की रात सिमी के आठ कार्यकर्ता भोपाल के केंद्रीय कारागार में एक कर्मचारी की हत्या कर फरार हो गए थे।
  • उन सभी आठों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने अगले ही दिन मुठभेड़ में मार गिराया था।
  • सरकार ने इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे।

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सर्वोच्च न्यायालय में की याचिका दायर-

  • पुलिस मुठभेड़ में मारे गए कार्यकर्ता के परिवार की ओर से मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी।
  • इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर पूछा है कि उसी समय जांच सीबीआई को क्यों नहीं सौंपी गई?
  • क्यों न अब जांच सीबीआई को सौंप दें।
  • इस नोटिस पर चार सप्ताह में सरकारों को जवाब देना है।

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सीबीआई करे मुठभेड़ की जांच-

  • सर्वोच्च न्यायालय के नोटिस के बाद नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मुठभेड़ की जांच सीबीआई से ही करानी चाहिए थी।
  • मगर दाल में कुछ काला है, इसीलिए सरकार सीबीआई जांच नहीं कराना चाहती।
  • अब सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है इसलिए जांच सीबीआई को सौंप देना चाहिए।
  • वहीं राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मुठभेड़ की न्यायिक जांच चल रही है।
  • इसी कारण उसे सीबीआई को नहीं सौंपा गया।
  • जहां तक सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश की बात है तो वह नियमित प्रक्रिया है।
  • उन्होंने कहा कि सरकार अपना पक्ष सर्वोच्च न्यायालय के सामने रखेगी।
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