राहत इंदौरी का मशहूर शेर सियासत में ज़रूरी है रवादारीसमझता है,
                        वो रोज़ा तो नहीं रखतापर इफ़तारी समझता है….

देश की सियासत में बडा भूचाल आ गया..सुशासन बाबू यानि नीतीश कुमार ने मुख्यमत्री पद से इस्तीफा दे दिया..इस बात की अटकलें पहले भी लगाई जा रही थी कि लालू का पूरा परिवार जिस तरह से भ्रष्टाचार के आरोप से घिरा है और जिस तरह से परिवार के एक एक सदस्य के नाम अकूत संपत्तियो के खुलासे हो रहे हैं उसमे क्या नीतीश कुमार जैसे ईमानदार नेता लालू के दामन के दाग अपने हाथो से धोयेंगे या फिर इस कीचड़ से खुद को अलग कर लेंगे.

नीतीश ने किया खुद को अलग:

  • आखिरकार नीतीश ने फैसला लिया औऱ खुद को लालू यादव से अलग कर लिया.
  • सियासत के जानकार मान रहे है कि यह एक मौका था नीतीश कुमार के लिये वह अपने उस फैसले मे सुधार कर सके तो फैसला उन्होने 2014 के चुनाव से पहले लिया था.
  • यह अलग बात है कि नीतीश औऱ लालू की पहल पर महागठबंधन का फार्मूला बिहार मे हिट रहा.
  • लेकिन उसके बाद हर एक राज्य में इस फार्मूले को जनता ने नकार दिया.
  • अब जबकि 2019 के चुनाव में फिर से जाना है तो क्या नीतीश खुद को महागठबंधन से अलग करने की वजह तलाश रहे थे.
  • ताजा तस्वीर औऱ बदलते हालात बता रहे है कि यह सबकुछ अचानक नहीं हुआ.
  • इसकी पहले स्क्रिप्ट तैयार हुई फिर सीन क्रिएट किये गये औऱ अंत मे फिल्म रिलीज हुई.
  • क्लाईमेक्स अभी बाकी है क्योंकि नीतीश के इस्तीफे के तुरंत बाद बीजेपी संसदीय दल की बैठक शुरु हो गई.
  • बीजेपी बिना शर्त नीतीश को समर्थन देने को तैयार हुई.
  • जेपी नड्डा और अनिल जैन को पर्यवेक्षक बना कर बिहार भेज दिया गया.
  • लालू बौखला गये है वह आरोप लगा रहे है कि नीतीश दफा 302 के एक मामले में फंस रहे है उन्हे जेल हो जायेगी इसलिये इस्तीफा दे दिया.
  • यानि तस्वीरें साफ बता रही है कि बीजेपी इस मौके की तलाश में थी और लालू बीजेपी की रणनीति से पहले से ही आशंकित थी.
  • आकंड़ों पर नजर डालिये तो लालू की आरजेडी के पास 80 औऱ नीतीश के जेडी यू के पास 71 सीट है.
  • एनडीए के पास 58 सीट है औऱ बहुमत के लिये चाहिये 122.
  • नीतीश को एनडीए समर्थन कर दे रही तो कुल सीटें हो जायेगी 129. यानि पूर्ण बहुमत.

विपक्ष धराशायी:

  • लेकिन क्या बात सिर्फ बिहार तक सीमित है या फिर मोदी अमित शाह की टीम ने विपक्ष के घऱ में घुस कर अब तक की सबसे बडी सर्जिकल स्ट्राईक को अंजाम दिया है.
  • अगस्त में लालू की संपूर्ण विपक्ष की रैली जिसमें अखिलेश औऱ मायावती को भी एक मंच पर आना था उसका अब क्या होगा.
  • सेंधमारी तो उसी दिन हो गई थी जिस दिन नीतीश ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद के लिये समर्थन दिया था.
  • लेकिन इस सर्जिकल स्ट्राईक से तो विपक्ष का पूरा किला ही ढह गया.

आईये समझते हैं कि नीतीश के इस्तीफे के बाद प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा..

मोदी का ट्वीट:

  • भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत बधाई।
  • सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं.
  • देश के, विशेष रूप से बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एक होकर लड़ना,आज देश और समय की माँग है.

नीतीश कुमार का इस्तीफा देने के बाद बयान..

  • 20 महीने में एक तिहाई कार्यकाल पूरा किया.
  • जिस तरह की चीजें सामने आईं, उसमें मेरे लिए महागठबंधन का नेतृत्व करना और काम करना संभव नहीं था.
  • हमने किसी का इस्तीफा नहीं मांगा. हमारी लालूजी से भी बात होती रही.
  • तेजस्वी से भी मिले.
  • हमने यही कहा कि जो भी आरोप लगे, उसके बारे में एक्सप्लेन कीजिए.
  • आमजन के बीच में जो एक अवधारणा बन रही है, उसको ठीक करने के लिए एक्सप्लेन करना जरूरी है.
  • लेकिन वह भी नहीं हो रहा था.
  • ये मेरे अंतरआत्मा की आवाज थी.
  • कई दिनों से यह बात मेरे मन में थी कि कोई रास्ता निकल आए.
  • हमने राहुलजी से भी बात की.
  • उनका भी यही रुख रहा है.
  • उन्होंने ही (दोषियों को चुनाव लड़ने से छूट देने का) ऑर्डिनेंस फाड़ा था.

सवाल यह कि –

  • क्या इसे मोदी औऱ अमित शाह की टीम की सियासी सर्जिकल स्ट्राईक माना जाये.
  • क्या बीजेपी ने गैरभाजपाई मंच को बनने से पहले ही तोड दिया है.
  • पूरा विपक्ष मिल कर बीजेपी की रणनीति का सामना नही कर पा रहा है.
  • क्या नीतीश के इस्तीफे को सिर्फ बिहार की राजनीति से जोड कर देखा जाये या यह मान लिया जाये कि बीजेपी ने देश के हर सूबे मे विपक्ष के तमाम मंसूबो औऱ रणनीतिकारो को फेल कर दिया है.
  • क्या नीतीश पहले से ही बीजेपी के संपर्क मे थे.
  • इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ नीतीश का साहसिक फैसला माना जाये या फिर यह एक सियासी दांव है जिसके जरिये नीतीश औऱ मोदी फिर से एक हो सकते है.
  • गैरभाजपाई दल को लामबंद करने की कांग्रेस की कोशिश की हवा निकाल दी बीजेपी ने.
  • अब विपक्ष क्या करेगा..नीतीश के तौर पर उसके पास सबसे ईमानदार औऱ लोकप्रिय चेहरा था वह भी अब बीजेपी के साथ जा रहा है.
  • जिस तरह से बीजेपी सरकार बनाने के लिये अपनी तरफ से ऑफर देने को आतुर है उससे नहीं लगता कि बीजेपी अपने एंजेडे मे सफल रही है.

इसमें शक नहीं कि इस सर्जिकल स्ट्राईक के जरिये बीजेपी ने विपक्ष के हाथों से एक औऱ मजबूत किला छीन लिया औऱ साथ ही बीजेपी के दामन से यह दाग भी हट गया कि वह बिहार में विपक्ष की एकजुटता के आगे परास्त हो गई थी. इसमें शक नहीं है कि आज देश में मोदी औऱ अमित शाह की तरह के दूसरे सियासी रणनीतिकार नहीं है अब विपक्ष को यह तय करना है कि वह मोदी– शाह की सेना से निपटने के लिये आगे क्या करती है..

 

Writer 

Manas Srivastava

Associate Editor

Bharat Samachar

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