उत्तर प्रदेश के नोएडा जिले के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड(arushi murder case) का मामला सूबे के इलाहाबाद स्थित हाई कोर्ट में लंबित है, जिसके तहत मंगलवार 1 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट में हत्याकांड को लेकर सुनवाई की गयी।

हाई कोर्ट ने सीबीआई की जांच में विरोधाभास पर माँगा जवाब(arushi murder case):

  • सूबे के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड का मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में लंबित है।
  • जिसके तहत मंगलवार को उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई की गयी।
  • सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीबीआई से जांच के बाबत जवाब माँगा गया है।
  • हाई कोर्ट ने सीबीआई से उसकी जांच में विरोधाभास पाए जाने पर जवाब माँगा है।
  • इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई से हत्या के वक़्त चालू इन्टरनेट राऊटर पर भी जवाब माँगा है।
  • मामले की अगली सुनवाई आगामी 31 अगस्त को की जाएगी।
  • गौरतलब है कि, इलाहाबाद हाई कोर्ट मामले में अपना फैसला पहले ही सुरक्षित रख चुकी है।
  • इसके बावजूद कोर्ट मामले में सुनवाई कर रही है।

आरोपी तलवार दंपत्ति को सीबीआई अदालत ने सुनाई है सजा(arushi murder case):

  • मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में आरुषि-हेमराज हत्याकांड मामले की सुनवाई की गयी थी।
  • जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त को की जाएगी।
  • गौरतलब है कि, मामले में गाजियाबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने तलवार दंपत्ति को सजा सुनाई थी।
  • सीबीआई कोर्ट ने तलवार दंपत्ति को साल 2013 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
  • CBI की विशेष अदालत में सजा पाने के बाद तलवार दम्पत्ति ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील की थी।

जेल में हैं आरोपी नूपुर और राजेश तलवार(arushi murder case):

  • ज्ञात हो कि, आरूषि हत्याकांड मामले में आरोपी माता-पिता नूपुर तलवार और राजेश तलवार फिलहाल जेल में बंद है।
  • वह दोनों इस हत्याकांड मामले में गाजियाबाद की डासना जेल में सजा काट रहे हैं।
  • यह हत्याकांड मामला आए दिन नए मोड़ लेता रहा है।
  • साल 2008 में आरुषि (14) की लाश उसी के घर में मिली थी।
  • इसके बाद उसी घर में घरेलू नौकर हेमराज का शव भी बरामद हुआ था।
  • इस मामले में पुलिस ने दंपति को मुख्य आरोपी बनाया था।
  • मामले में गाजियाबाद की विशेष CBI अदालत ने 2013 में डॉ नूपुर तलवार और डॉ राजेश तलवार को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
  • सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दंपति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी।
  • गौरतलब है कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट इस अपील पर गत वर्ष 24 सिंतबर से सुनवाई कर रहा था।

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