सातवें वेतन आयोग का वेतनमान केजीएमयू के गैर शैक्षिक कर्मचारियों में न लागू करने के विरोध में उन्होंने सांकेतिक धरना दिया। दूसरे चरण के अनुसार कर्मचारी परिषद के बैनर तले सुबह 10 से 12 बजे के मध्य यह धरना चला।उनका आरोप है कि 18 माह बाद भी सातवें वेतन आयोग की सुविधाएं अभी तक प्रदान नहीं की गयी हैं जिससे प्रतीत होता है कि शासन स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कतई गंभीर नहीं है।

ये भी पढ़ें :बीएड टीईटी पास अभ्यर्थियों का नियुक्ति के लिए प्रदेश व्यापी आंदोलन!

मांगें पूरी ना हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल

  • केजीएमयू कर्मचारी परिषद के महामंत्री प्रदीप गंगवार ने इस बारे में जानकारी दी।
  • एक जनवरी 2016 से लागू सातवें वेतन आयोग को लगभग केंद्र एवं राज्य के समस्त अस्पतालों एवं अन्य विभागों में लागू किया जा चुका है।
  • लेकिन प्रदेश के बड़े चिकित्सा विवि एवं संस्थानों जैसे केजीएमयू, एसजीपीजीआई में इसे लागू नहीं किया गया है।
  • इन संस्थानों में 18 माह बाद भी सातवें वेतन आयोग की सुविधाएं अभी तक प्रदान नहीं की गयी हैं। जिससे प्रतीत होता है कि शासन स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कतई गंभीर नहीं है।
  • प्रथम चरण के दौरान केजीएमयू कर्मचारियों ने 29 जुलाई को काला फीता बांधकर विरोध जताया था।

ये भी पढ़ें :‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को हिंदू-मुस्लिम एकता ने बनाया सफल!

  • जल्द सातवें वेतनमान संबंधित मांग को लागू किया जाए, अन्यथा की स्थिति में कर्मचारी आन्दोलनरत होंगे।
  • लेकिन 10 दिन बाद भी शासन ने सातवें वेतनमान पर कोई सुध नहीं ली। स्थिति ज्यों की त्यों है।
  • उन्होंने सीएम से अनुरोध किया कि शासन को सातवें वेतनमान लागू करने के लिए निर्देशित करें।
  • यदि जल्द ही सातवें वेतनमान की सुविधाएं लागू नहीं हुयीं तो केजीएमय सहित अन्य संस्थानों के कर्मचारी कार्य बहिष्कार करेंगे।
  • यदि उसके बाद भी शासन नहीं जागा तो अंतिम चरण में अनिश्चित कालीन हड़ताल होगी।
  • इसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
  • इस धरने में परिषद के सयुंक्त मंत्री सोनू वाल्मीकि ने किया।

ये भी पढ़ें : मुंबई: आरक्षण की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे लाखों मराठा!

  • परिषद के अध्यक्ष विकास सिंह तथा महामंत्री प्रदीप गंगवार के नेतृत्व में लगभग 600 कर्मचारी धरने में उपस्थित रहे।
  • धरने में वरिष्ठ कर्मचारी नेता अरविन्द निगम, बलराम, शगुन, उपाध्यक्ष राजन यादव, अन्य पदाधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें