युवाओं को आकर्षित करने के लिए मध्य कमान की ओर से एक मेले का आयोजन सुल्तानपुर रोड स्थित दिलकुशा गार्डन में किया गया है। ‘अपनी सेना जाने’ नाम से आयोजित इस मेले का उद्घाटन मध्य यूपी सब एरिया के जेनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जेनरल विनोद शर्मा ने किया।मेले में हथियारों की प्रदर्शनी लगायी गयी गई।

मेले में ख़ास हैं ये हथियार

'sena ko jane' fair

 

  • घड़ी को पहनकर न्यूक्लियर हमलों में लडऩे वाले जवानों के शरीर में कितना रेडिएशन पहुंच गया है उसका पता लगाया जाता है।
  • घड़ी में लगे इंश्यूमेंटेड रीडर की मदद से जवानों के भीतर पहुंच चुके रेडिएशन की जानकारी मिलती है।
  • इसके अलावा डीआरडीओ ने एनबीसी हमलों से निपटने के लिए जवानों के लिए पूरी किट तैयार की है।
  • एमटी -5 रूस से बना यह ट्रॉल उपकरण युद्धक टैंक में लगा होता है जो बारुदी सुरंग को खोदते हुए रास्ता बनाता है।

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  • यह दो किलोमीटर की गति से बारुदी सुरंग से गुजर सकता है।
  • यह बारुदी सुरंग को नष्ट भी कर देता है और इससे टैंक को कोई नुकसान भी  नहीं होता।
  • नदियों और नालों पर से भी सेना टैंकों जैसे भारी-भरकम हथियारों को गुजरने के लिए पीएमएस ब्रिज बनता है।

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  • एक सेक्शन 6.75 मीटर चौड़ी नदी या नाले पर अस्थायी पुल तैयार करता है।
  • पुल को स्थापित करने के लिए मोटर टग लांच की मदद ली जाती है।
  • लेजर युक्त टी -72 टैंक में लेजर से अपने लक्ष्य को भेदने की क्षमता है।
  • सडक़ पर यह 60किलोमीटर और रेगिस्तान में 35 किलोमीटर प्रतिघंटे तक की गति से दौड़ता है।
  • बीएमपी रूस का निर्मित्त एक इंफेंट्री कंबैट वाहन है।

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  • टैंक की तरह दिखने वाली बीएमपी के भीतर जवान नाइट विजन डिवाइस के जरिए रात के समय भी अपने दुश्मनों को देख हमला कर सकते हैं।
  • इसके भीतर 7.62 एमएम की सेकेंड्री गन होती है।
  • यह पानी के सतह पर तैरकर भी  अपना रास्ता बना सकती है।

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पंचर होने पर भी  दौड़ता है टाट्रा

  • सेना के पास मौजूद रोबोट छिपे बम और आइइडी को ढूंढकर उसे निष्क्रिय कर सकता है।
  • यूके में तैयार रोबोटिक ऑपरेटेड व्हिकल उपकरण रेडियो बेस के आधार पर काम करता है।
  • यह उपकरण खासतौर पर घरों और भवनों में छिपाकर रखे गए आइइडी को ढूंढकर उसे स्वत: निष्क्रिय कर देता है।
  • टाट्रा अपने साथ लगे टे्लर पर लदे किसी भी  टैंक को लेकर पंचर टायर के साथ भी यह ट्रक बिना रुके दौड़ सकता है।

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  • इसका एक टायर पंचर होते ही वह हवा में लटक जाता है और इसके बचे हुए टायर से टाट्रा आगे बढ़ निकलता है।
  • सियाचिन और ग्लेशियर में माइनस से भी कम तापमान में टाट्रा के केबिन को गैस हीटिंग प्लांट से गरम रखा जा सकता है।
  • कैस्पर बुलेट प्रूफ वाहन बारुदी सुरंग के धमाके के बाद भी सुरक्षित निकल जाता है।
  • इसके टयूबलेस टॉयर को कभी भी गोलियों से छलनी नहीं किया जा सकता है।
  • कैस्पर के भीतर से जवान एके 47 जैसी राइफल के साथ मूंहतोड़ जवाब दे सकते हैं।

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