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हरियाणा के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम संचालक संत रामपाल के खिलाफ चल रहे दो मामलों में हिसार कोर्ट ने आज फैसला सुनाया। बता दें कि संत रामपाल पर सरकारी कार्य में बाधा डालने और आश्रम में जबरन लोगों को बंधक बनाने के दो मामले दर्ज है।

रामपाल पर आया ‘यह’ फैसला-

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एक और ‘बाबा’ पर फैसला-

  • स्‍वयंभू संत रामपाल को दोनों आरोपों से हिसार कोर्ट ने बरी किया।
  • लोगों को बंधक बनाने के केस में कोर्ट ने रामपाल को बरी कर दिया है।
  • साथ ही संत रामपाल पर सरकारी कार्य में बाधा डालने दर्ज मामले में भी राहत मिल गई है।
  • स्‍वयंभू संत रामपाल के वकील ने बताया कि उन पर धारा 426 और 427 के तहत आरोप लगाए गए थे।
  • इन आरोपों से हिसार कोर्ट ने उन्‍हें बरी कर दिया।
  • हिसार कोर्ट के मुताबिक़ संत रामपाल पर लगाए गए आरोप निराधार पाए गए है।
  • लेकिन रामपाल पर देशद्रोह और हत्या का केस चलता रहेगा।
  • ऐसे में उन्हें जेल में ही रहना होगा।
  • बता दें कि रामपाल दास देशद्रोह के मामले में हिसार जेल में बंद है।

बयान से पलटे गवाह-

  • मिली जानकारी के अनुसार, कोर्ट में गवाह पलट गए।
  • कोर्ट में गवाहों ने कहा कि वो अपनी मर्जी से सतलोक आश्रम गए थे, बंधक नहीं बने थे।
  • रामपाल पर एफआईआर नंबर 426 से सरकारी कार्य बाधा डालने और एफआईआर नंबर 427 में आश्रम में जबरन लोगों को बधंक बनाने का केस दर्ज है।
  • कानून के जानकारों के मुताबिक रामपाल पर जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज है, उसमें तीन साल की सजा का प्रावधान है।

हरियाणा में धारा 144-

  • राम रहीम रेप केस में फैसला आने के बाद ज़बरदस्त हिंसा हुई थी।
  • इसके मद्देनज़र रामपाल पर फैसले को लेकर प्रशासन ने हिसार और सिरसा में हाईअलर्ट जारी किया।
  • रामपाल पर फैसला आने से पूर्व सरकार ने झज्जर पुलिस को अलर्ट किया था।
  • क्योंकि सबसे अधिक रामपाल समर्थक इसी जिले में है।

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