मेरठ। उत्तर प्रदेश के 16 नगर निगमों में जल्द ही नगर निकाय चुनाव होने हैं। जिसके लिये सभी जिलों में मतदाता सूची जारी की जा रही है। इस दौरान यूपी के मेरठ में नगर पालिका की मतदाता सूची में अनियमितताओं की लगातार भरमार सामने आ रही है। शासन ने इस गड़बड़ी की जांच के लिए एसआईटी की टीम का गठन किया है। गुरुवार को 10 सदस्यीय एसआईटी की टीम जांच करने के लिए मेरठ पहुंची।

गड़बड़ी के बारे में पता लगाएगी टीम
एसआईटी टीम के सदस्य नागेंद्र सिंह ने बताया कि मेरठ में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायत का संज्ञान लेते हुए 10 सदस्यीय टीम आयी हुई है। उन्होंने बताया कि खाद्यान घोटाले से जो पात्र और अपात्र लोग हैं। इन लोगों का सत्यापन करना है कि किसमें क्या गड़बड़ी है। इस सिलसिले में विभाग से अभिलेख एकत्रित किये जा रहे हैं। अभिलेख एकत्रित होने के बाद इनका विश्लेषण कर गड़बड़ी के बारे में पता लगाया जायेगा। टीम ये भी देखेगी कि जो लोग पात्र थे उनको क्यों अपात्र किया गया।
सूची में अनियमितताओं को लेकर डीएम से मिले थे लक्ष्मीकांत वाजपेयी
गौरतलब है कि नगर निकाय चुनाव को लेकर सभी जिलों में मतदाता सूची जारी की गई थी। इस दौरान मेरठ में जारी हुई मतदात सूची में काफी अनियमितताएं सामने आईं थीं। मतदाता सूची में अनियमितताओं की भरमार को लेकर बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मेरठ डीएम समीर वर्मा से मुलाक़ात की थी। मुलाक़ात के दौरान उन्होंने मेरठ डीएम सभी जानकारियो से अवगत कराया था। इस दौरान बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने आरोप लगाया कि दूसरे मुहल्लों के लोगों के नाम कई अन्य कालोनियों में दिए गए हैं। जिससे उन्हें चुनाव के दौरान समस्या का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि इस बार यूपी में नगर निगमों की संख्या 14 से बढ़ाकर 16 कर दी गई है। जिसमें राम जन्म भूमि अयोध्या और फैजाबाद को जोड़ कर नया अयोध्या नगर निगम बनाया गया है। जबकि कृष्ण नगरी मथुरा और वृन्दावन को जोड़कर मथुरा-वृन्दावन नगर निगम बनाया गया है। दोनों नगर निगमों में जल्द ही नगर आयुक्त तैनात कर दिए जायेंगे।
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