8 मार्च इंटरनेशनल वीमेन डे होता है. आम इसान की तरह ही बॉलीवुड इंडस्ट्री भी वीमेन डे मनाती है. बॉलीवुड में अब तक कई ऐसी फिल्में रिलीज़ हुई है जिनमे औरतों को केंद्रित करके फिल्में बनायी गयी है. ऐसी ही कुछ मशहूर फिल्में जैसे पिंक, पिकू, दंगल और इनके अलावा कई और ऐसी फिल्में जिनमे औरतों का सम्मान किया गया है. इस महिला दिवस पर हमे इन पांच स्टैरियोटाइप डायलॉग्स को बॉलीवुड से दूर करने की जरूरत है.

बॉलीवुड के यह पांच स्टैरियोटाइप डायलॉग्स  :

  • ‘औरत की इज्ज़त और दाग’ अक्सर आपने ये डायलॉग बॉलीवुड फिल्मों में बहुत सुना होगा.
  • अनिल कपूर और जूही चावला की फिल्म ‘बेनाम बादशाह’ का मशहूर डायलॉग.
  • ‘औरत की इज्ज़त पर एक बार दाग लग जाए तो वो कभी नहीं धुल सकता है’.
  • फिल्म ‘जब वी मेट’ का ‘अकेली लड़की खुली तिजोरी है’ एक लड़की अकेले रात में कही नहीं जा सकती है क्योंकि यह सुरक्षित नहीं है और अगर वो जाती है तो उसके साथ कुछ भयानक हो जाता है.
  • ‘खूबसूरत लड़की खुली तिजोरी की तरह होती है’ यह डायलॉग नसीरुद्दीन की फिल्म का है.
  • उस फिल्म में उन्होंने कहा है ‘अगर खूबसूरत लड़की को न छेड़ो तो वो भी तो उसकी बेज्ज़ती होती है’
  • ‘लड़की का पीछा करो वो खुद मिल जाएगी’ कुछ इसी तरह का डायलॉग फिल्म राँझना में बोला गया है. फिल्म में ‘तुम्हारी कंसिस्टेंसी की वजह से मिल रहे है प्यार के लिए नहीं’
  • फिल्म ‘मेरे ब्रदर की दुल्हन’ का मशहूर डायलॉग ‘असली लड़की’ इस फिल्म में इमरान कहते है कि असली लड़की वो होती है जो चुटकी में बिपाशा, चुटकी में मधुबाला’ इस लाइन का क्या मतलब ?
  • इस फिल्म में ये कहना चाहते है कि बिपाशा असली लड़की नहीं या मधुबाला असली लड़की नहीं.
  • ऐसे ही कुछ डायलॉग्स को बॉलीवुड फिल्मों से हटाने की ज़रूरत है.
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