गेटवे ऑफ इंडिया की यह एक अनोखी आध्यात्मिक सुबह थी जब सरोद के स्वामी उस्ताद अमजद अली खान, अपने  दोनो  बेटों अमान अली बंगेश और अयान  अली बंगेश के साथ इस खूबसूरत सुबह को संगीतमय बनाने मंच पर पहुंचे l

मीडिया से  बातचीत के दौरान, अयान  ने कहा, ये कॉन्सर्ट इस बात की पुष्टि करता है की लोग आज भी शास्त्रीय संगीत को पसंद करते है l गेटवे ऑफ़ इंडिया के सामने अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए अयान ने कहा, “गेटवे ऑफ़ इंडिया , वो स्मारक है जो हर भारतीय को एक साथ जोड़ता है l इस स्थान पर और इस मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए मै  काफी गर्व केह्सूस कर रहा हुँ l मुझे लगता है की ये स्थान हमारी एकता का प्रमाण है और इस कॉन्सर्ट से ये भी साबित होता है की लोग आज भी शास्त्रीय  संगीत को  पसंद करते है l

यह हमारे लिए एक आशीर्वाद से कम नहीं की महाराष्ट्र, बंगाल और ऐसे कई अन्य राज्यों में संगीत उनके जीवन का एक अहम् हिस्सा बन चूका है l मुझे तो लगता है की संगीत हर भारतीय के डीएनए में है और मैं आशा करता हूं कि आने वाले वर्षों में यह इस तरह बना रहे l

उस्ताद अमजद अली खान कहते हैं, “यह सुबह का संगीत समारोह हमारे पूर्वजों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने रागों के समय का सम्मान किया।”

अमान अली बंगेश और अयान अली  बंगेश अपने संगीत कैरियर के 25 साल पूरे कर चुके है , और इस अवसर पर; उन्होंने ‘ललित’ राग को छेड़कर अपने पिता को आश्चर्यचकित कर दिया, ‘ललित’ राग किसी भी कलाकार के लिए बजाना या गाना बहोत ही मुश्किल है। जब पिता अमजद अली खान साहब को इस बारे में  टिप्पणी करने के लिए कहा गया तो उन्होंने अपनी ख़ुशी का इज़हार करते हुए कहा , “मैं बहुत खुश हूं और भगवान के प्रति आभारी हूं कि अमान और अयान  बहुत ही प्रतिबद्ध हैं और उनकी कला को समर्पित हैं। इसके अलावा वे अपने रियाज़ के लिए भी काफी संजीदा है l  शास्त्रीय संगीत एक लंबी यात्रा है और मुझे खुशी है कि धीरे-धीरे पूरी दुनिया उन्हें और उनकी कला को स्वीकार कर रही है । ”

पंचम निषाद द्वारा प्रस्तुत, सांस्कृतिक विभाग के महाराष्ट्र और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के सहयोग से हुआ ये , संगीत कार्यक्रम “आध्यात्मिक सुबह” रविवार की दोपहर तक संपन्न हुआ ।

 

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें