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जी5 की सीरीज “जीत की ज़िद ” के चीफ एडिटर युसूफ खान ने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए बताया कि जी5 की वेब सीरीज “जीत की ज़िद ” की कहानी बहुत ही इंस्पायरिंग है, और इस शो को एडिट करने का एक्सपीरियंस तो और भी अमेजिंग रहा।

 

युसूफ शो को मिल रहें पॉजिटिव रिस्पॉन्स को देखकर काफी खुश है। विशाल मैंगलोरकर के डायरेक्शन में बना यह शो जी5 पर ट्रेंडिंग में है। इस शो में अमित साध, अमृता पुरी, सुशांत सिंह, परितोष सैंड, मृणाल कुलकर्णी, एली गोनी जैसे बेहतरीन कलाकार है।

 

वेब शो को मिल रहें रिस्पॉन्स के बारे में बात करते हुए, युसुफ ने कहा, “फिल्म मेकर बोनी कपूर, आकाश चावला और अरुणव  जॉय सेनगुप्ता के साथ काम करना बहुत ही शानदार रहा। सीरीज का रनिंग टाइम फिल्म की अपेक्षा काफी अधिक है, इसलिए डायरेक्टर को सैकड़ों घंटे के  फुटेज शूट करने की जरूरत होती है। और हमें कहानी को ध्यान रखते हुए एडिटिंग टेबल पर काफी मेहनत करना होता है, और यहीं पर आपकी एडिटिंग स्किल्स दिखती है। मुझे लगता है कि हम इंडिया की सबसे तेज और क्रिएटिव एडिटिंग टीम है। हमने सिर्फ 2 महीने में रिकॉर्ड समय के अंदर सारे एपिसोड डिलीवर किए।

 

एडिटिंग टेबल वो जगह है जहाँ पर रैंडम फुटेज से सीन बनते हैं, जिससे किरदार बनते हैं और फिर कहानी भी आकार लेती है। हम बहुत खुश हैं कि “जीत की जिद” में हमारी कड़ी मेहनत दिखाई दे रहीं हैं।”

 

आपको बता दे कि एडिटर युसुफ खान कई अवॉर्ड विनिंग एडवर्टाइजमेंट, फिल्म्स और ट्रेलर को भी एडिट कर चुके हैं। इसी के साथ युसुफ इंडियन एडवर्टाइजमेंट के बड़े क्रिएटिव नाम और बॉलीवुड हस्तियों के साथ भी काम कर चुके हैं।

 

अभी हाल ही में फ़रवरी में हुए 17th एनुअल 24 एफपीएस अवार्ड्स के दौरान युसूफ खान के प्रोडक्शन हाउस स्लिक फिल्मक्राफ्ट के तहत प्रोड्यूस्ड म्यूजिक वीडियो ‘एंटी ग्रेविटी’ को बेस्ट एनीमेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया. इस म्यूजिक वीडियो को नेक्सा म्यूजिक के लिए  बनाया गया था जिसे  डायरेक्ट किया था तेजल पटनी ने और VFX का जादू बिखेरा था फेमस हाउस ऑफ़ एनीमेशन ने।

 

अलग-अलग प्रोजेक्ट पर बड़ी-बड़ी हस्तियों, फिल्म मेकर्स और ब्रांड्स के साथ काम करने के बारे में बात करते हुए, युसुफ ने कहा, “मैं चाहता हूं कि लोग प्रोजेक्ट की शुरुआत से ही एडिटर को अपने प्रोजेक्ट का हस्सा समझें और उसी लेवल पर उनकी क़ीमत आंके । सेलेब्रिटी या प्रोडक्शन हाउस, कितने  भी बड़े हो, फंड्स एडिटर्स तक पहुंचने तक ख़त्म होने की कगार पैर होते है. । सच बताऊँ, बात अगर सिर्फ पैसों की हो, तो ज्यादातर लोग किसी भी प्रोजेक्ट को एडिट करने से मना कर देंगे, लेकिन एडिटिंग एक पैशनेट जॉब है, एक पजल गेम की तरह है, जिसे साल्व करना हर एक अच्छे एडिटर को आता है।”

 

“अनगिनत फुटेज को एक प्रॉपर तरह से एडिट करने के लिए बहुत ही फोकस और मेहनत की जरूरत होती है, तभी फाइनल रिजल्ट सभी के सामने बहुत ही क्रिएटिव तरह से आता है। मुझे लगता है कि एडिटर एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसे फिल्ममेकिंक के बारे में शुरुआत से लेकर आखिरी तक सबकुछ पता होता है।”

 

“जीत की जिद” की कहानी मेजर दीपेंद्र सिंह सेंगर के जीवन पर आधारित है। मेजर दीपेंद्र सिंह को एक घटना के दौरान चोट लगने के कारण इंडियन आर्मी के लिए मेडिकली तौर पर अनफिट घोषित कर दिया जाता है, और यहीं से उसके जीवन में संघर्ष की शुरुआत होती है।

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