सीखने से सिखाने तक का रोमांचक सफर रहा है भारत के डिजिटल मार्केटर राहुल मिश्रा का, ‘आत्मानिर्भर भारत एप इनोवेशन चैलेंज’ में भी बनाई अपनी जगह

 

इस चकाचौंध भरी दुनिया में जहाँ लोगों को अपना नाम और काम बनाने में बरसो लग जाते है वहीं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कसबे के रहने वाले राहुल मिश्रा ने मात्र 22 वर्ष की आयु में ही डिजिटल मार्केटिंग जगत में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। आज राहुल मिश्रा की गिनती देश के बेस्ट डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट में होती है।

सोशल केटेगरी के शार्ट वीडियो क्रिएटिंग एप्स में भी राहुल मिश्रा ने अपनी महत्वपूर्ण निभाई है जिसके कारण उनके काम को शीर्ष में जगह तो मिली साथ ही में आत्मानिर्भर भारत ऐप इनोवेशन चैलेंज में एक प्रमुख भूमिका निभाई। उनके काम को कई लोगो ने तो सराहा ही साथ में प्रधानमंत्री मोदी ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उनके कार्य का विशेष उल्लेख किया। जिसके कारण डिजिटल मार्केटिंग जगत में वो चर्चा का विषय बने और सबका ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया।

इस सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत तो है ही लेकिन जो उन्हें बाकि सब से अलग और खास बनाता है वो है उनकी रचनात्मकशीलता जिसका वो अपने हर काम में बारीकी से उपयोग करते है और क्लाइंट को ब्रांड प्रमोशन करने के साथ विश्वसनीयता बनाने में मदद करते हैं । राहुल मिश्रा को गूगल से डिजिटल मार्केटिंग सर्टिफिकेशन, SEMrush से SEO सर्टिफिकेशन इसके अलावा ग्लोबल बिज़नेस सर्टिफिकेशन आदि जैसे नामित सर्टिफिकेशन प्राप्त है जो ग्लोबल डिजिटल मार्केटिंग में उनकी विश्वनीयता और कौशलता को दर्शाता है।

कॉलेज के शुरुआती दिनों से ही डिजिटल मार्केटिंग सीखने वाले राहुल मिश्रा ने इस क्षेत्र में एक असाधारण पारी खेली है , विभिन्न संगठनों के अलावा अब राहुल बड़े ब्रांड और हस्तियों के सोशल मीडिया मार्केटिंग का स्वतंत्र प्रभार संभाल रहे है। तीन साल के अंदर ही राहुल सफलता की सीढ़ियों को चढ़ते चले गए और अपनी स्वतंत्र पहचान बनाई साथ ही इस क्षेत्र में नेशनल यूथ कॉउन्सिल के साथ ब्रांड प्रमोशन और सोशल मीडिया आउटरीच में काम कर अपनी पोर्टफोलियो को और भी विशिष्ट बनाया .

उनके इसी कौशल अनुभव के कारण उन्होंने कई नामचीन हस्तियों के ब्रांड प्रमोशन, सोशल मीडिया मार्केटिंग का जिम्मा भी बखूबी संभाला इसमें बॉलीवुड निदेशक आनंद कुमार , भारतीय पारा ओलिंपिक जेवेलिन खिलाडी रिंकू हुड्डा, अभिनेता अनिरुद्धा सिंह, संतोष शुक्ला और राजनीती जगत में नागेश करियप्पा और अभिषेक राना के साथ कई हस्तियां शामिल है।

तकनीक जगत या डिजिटल मार्केटिंग जिसे महानगर तक ही सीमित समझा जाता था , मगर राहुल मिश्रा ने छोटे से शहर होते हुए भी सीमित संसाधन में अपनी मेहनत से ये साबित किया है की सफलता कहीं से कभी भी हासिल की जा सकती है अगर मन में जूनून और जज्बा हो तो। राहुल के बारे में आईआईएम् इंदौर के निदेशक श्री हिमांशु राय जिन्हे राहुल अपना मार्गदर्शक और गुरु मानते हैं , कहते हैं कि – राहुल डिजिटल मार्केटिंग क्षेत्र में राहुल बहुत अच्छी सेवाएं दे रहा है, उसके अंदर काफी क्षमता है सही मार्गदर्शन और अपनी मेहनत ,निरंतरता से वो आगे और भी अच्छा करेगा। राहुल अपनी सफलता का श्रेय अपने अभिभावक और अपने शिक्षक श्री भानु प्रताप सिंह और श्री इंदु प्रताप मिश्रा को देते है , उनके गुरुजन की भी राहुल को लेकर काफी सकारत्मक राय है।

अपने उतार-चढ़ाव भरे सफर के बारे में राहुल ये भी कहते है कि – ” बदलाव चुनौतीपूर्ण और दुःखद होता है लेकिन किसी ऐसी जगह रुके रहना से ज्यादा दुःखद कुछ नहीं होता जहाँ उस जगह का आपसे कोई मोल ना हो। काफी कम उम्र में सफल राहुल मिश्रा का स्वभाव काफी सरल है उनका व्यक्तित्व काफी प्रभावशाली है और उनकी कहानी काफी प्रेरणादायक।

राहुल का मानना है कि छोटे से लेकर बड़ा बिजनेस भी आज डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग अपने व्यापार को बढ़ाने में कर रहा है, डिजिटल क्रांन्ति के इस दौर में हर कोई तकनीक के पहलुओं को समझना चाहता है लेकिन इसकी जटिलताओं के कारण कई लोग इसे आज भी सही से समझ नहीं पा रहे है, राहुल का उद्देश्य है कि वो इस क्षेत्र में और आगे काम कर इसकी बारीक़ता को आसान और सुलभ बना सके और डिजिटल मार्केटिंग जगत में अपना विशाल नेटवर्क खड़ा करे।

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