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अभिनेता से नेता बनने का दौर लगातार जारी है। अब एक और अभिनेता नेता बनने की दौड़ में शामिल हो गए हैं। हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे हास्य अभिनेता के बारे में जो एक छोटे से गांव से निकलकर मुम्बई तक पहुचा और बालीवुड में अपनी जगह बनाई और धीरे-धीरे 175 से ज्यादा फिल्मों में काम कर लोगों के दिलो में अपनी जगह बना ली।

  • आज वहीं हास्य अभिनेता अब राजनीति में कदम रख चुके हैं।
  • इस अभिनेता ने पहले तो अपने छोटे भाई को एमएलए का चुनाव लङाने का ऐलान किया तो शहर की राजनीति गलियारों में उथल-पुथल मचना शुर हो गया।
  • आज इस हास्य अभिनेता से नेता बने शख्स की मुम्बई जाने से पहले की जिंदगी और बालीवुड में एंट्री करने के बाद तक की लाईफ के बारे में बताएंगे।

राजपाल यादव का शाहजहांपुर से मुंबई तक का पूरा सफर जाने अगले पेज पर :

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  • एक वक्त था जब इस अभिनेता ने शहर से अपने गांव जाने के लिए 65 किलोमीटर का रास्ता साईकिल से तय किया था।
  • साथ ही इस अभिनेता ने अपने उस वक्त को भी याद किया जब एक रूपये की लाटरी खरीदने के बाद 65 रूपये का इनाम से लेकर अपने स्कूल टाईम को भी याद किया।
  • राजपाल यादव में पूरे बालीवुड को सर्व सम्भाव पार्टी से जुड़ने की बिनती की है।
  • हम बात कर रहे हैं बालीवुड में हास्य अभिनेता के तौर पर अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले और लोगो के दिलो में बसने वाले अभिनेता राजपाल यादव की।
  • राजपाल यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के जनपद शाहजहांपुर के बंडा थाना क्षेत्र के कुंडरा गांव में हुआ है।
  • इनके पिता का नाम नौरंग यादव है जो खेती बाड़ी करते हैं।
  • राजपाल के 6 भाई है।
  • पहली शादी लखीमपुर की रहने वाली करूणा यादव से हुई थी राजपाल की।
  • बिमारी के चलते उनकी मौत हो गई थी।
  • उसके बाद उन्होंने दुसरी शादी कनाडा की रहने वाली राधा यादव से की है।
  • जो अब मुम्बई में रहती है।
  • जिनमें से दो भाई श्रीपाल यादव और राजेश यादव अपनी अपने भाई राजपाल यादव की सर परसती में अपनी किस्मत राजनीति में आजमाने जा रहे हैं।
  • और साथ ही राजपाल यादव भी भी उनका पूरा साथ दे रहे हैं।

राजपाल यादव ने रखा राजनीति में कदम, जाने उनकी पार्टी का नाम :

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  • राजपाल यादव भी अब राजनीति में कदम रख चुके हैं।
  • उन्होंने एक अपनी ही एक पार्टी बनाकर तैयार कर ली जिसको नाम दिया सर्व सम्‍भाव पार्टी।
  • इस पार्टी को राजपाल यादव 6 महिने से बनाने का विचार कर रहे।
  • जिसके लिए वह अपने भाईयों के साथ ज्यादा टाईम बिता रहे हैं।
  • सर्व सम्‍भाव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजपाल के बङे भाई श्रीपाल यादव को बनाया गया है।
  • और छोटे भाई राजेश नौरंग यादव को तिलहर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया गया है।
  • और राजपाल ने अपनी इस पार्टी में स्टार प्रचारक के रूप में तय की है।
  • राजपाल यादव ने अपने उस वक्त को याद करते हुए बताया कि जब वह अपने में घर के बाहर कच्ची मिट्टी में भरे हुए गंदे पानी में महज एक नेकर पहनकर भागा करते थे।
  • अब इस गांव में पक्के घर बन गए हैं लेकिन उस वक्त एक भी घर पकका नही बना था।
  • गढ्ढो में गंदा पानी भरा रहता था।
  • उस पानी में खड़े होकर गांव और बच्चों के साथ खेला करते थे।
  • पिता ने गांव के प्राथमिक विद्यालय सुनासिर नाथ में दाखिला करवा दिया।
  • स्कूल का होमवर्क न करने पर उनके क्लास टीचर जगदीश श्रीवास्तव ने उनकी एक पतली सी लङकी से हाथ पर बहुत पिटाई की थी।
  • राजपाल की माने तो एक दिन जब वह स्कूल पहुँचे।
  • तो कुछ देर बाद उनके पिता भी प्रधानाचार्य वेद प्रकाश अवस्थी के आफिस में पहुचे और उन्होंने हमे अपने पास बुलाया।
  • मेरे पहुचने के बाद उनके पिता ने प्रधानाचार्य से कहा कि राजपाल यादव अगर अपनी मेहनत से एक्जाम में पास होता है तो ठीक है वरना इसे पास न करना।
  • अगर ये पङना चाहता है तो ठीक है वरना हम मजदूरी करके फालतू पैसे खर्च नही कर सकते हैं।
  • उसके बाद पिता ने शहर में सरदार पटेल स्कूल में दाखिला करवा दिया।
  • राजपाल ने बताया कि उनके पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नही थी।
  • वह जब स्कूल के लिए शहर जाते थे।
  • उनकी सवारी होती थी ट्रक उस वक्त जुगाड़ चलते थे इससे जाया करते थे।
  • बताया कि वह एक बार शहर से अपने घर आ रहे थे साथ में उनके बङे भाई श्रीपाल यादव भी थे।
  • देर हो जाने पर वह उन्हें कोई सवारी मिल नही रही थी।
  • तब वह 65 किलोमीटर साईकिल चलाकर अपने घर पहुचे थे।
  • उसके बाद पिता ने उनका दाखिला राजकीय इंटर कालेज में दसवीं क्लास में करवाया और बङे भाई का 12वीं क्लास में करवाया।
  • उन्होंने एक किस्सा याद करते हुए कहा बताया कि उनके पास बिल्कुल पैसे नही थे।
  • जेब खाली थी उनके बङे भाई के पास एक रूपया था।
  • वह स्टेशन के पास से गुजरे तो उनकी नजर वहाँ पर बिक रही लाॅटरी पर पङी।
  • उन्होंने भाई से एक रूपया लिया और उसकी लॉटरी खरीदकर चल दिए तो भाई चिल्लाने लगे और अपने घर चले गए।
  • दूसरे दिन जब वह स्कूल के लिए शहर आए तो लाॅटरी वाले के पास गए तो पता चला कि उनका 65 रूपये का इनाम निकला है।
  • हमने 65 रूपए लेकर 10 रूपये के टिकट और लिए और पांच रूपये अपने पास रखे और 50 रूपये भाई को दे दिए।
  • पांच रूपये जेब में आने के बाद हम खुद को राजा समझ रहे थे।
  • लेकिन भाई ने हिदायत दी थी कि आज के बाद लाॅटरी नही खरीदना।

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राजपाल यादव की पढाई की पूरी जानकारी अगले पेज पर :

  • राजपाल ने बताया कि इंटर पास करने के बाद उन्होंने 1989 से 1991 तक उन्होंने आर्डनेंस क्लोदिंग फैक्ट्री में टेलरिंग से आपरेंटिस भी की है उनके बैच में करीब बीस बच्चे थे।
  • वह सब आज इस फैक्ट्री में जाॅब कर रहे हैं।
  • लेकिन एक्टर बनने बनने की वजह से उन्होंने नौकरी नही की।
  • उसके बाद उन्होंने 1992 से 1994 तक बीएनए लखनऊ में दाखिला लिया।
  • उसके बाद उन्होंने ने पीछे मुड़कर नही देखा फिर दिल्ली के एनएसडी में दाखिला लिया।
  • उन्होंने बताया कि वह किसी आईपीएस और आईएएस से कम शिक्षा ग्रहण नही की है।
  • क्योंकि एनएसडी दिल्ली में सिर्फ 10 से 12 सीटे होती है और एक्जाम में लाखो लोग बैठते है।
  • उन लाखो लोगो में उनका चयन हुआ था।
  • इस वजह से उनका मानना है कि वह आईपीएस और आईएएस से कम नही है।
  • उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की तरफ़ से उन्हे एक नाटक में काम करने का मौका मिला उस नाटक में उनके सीनियर थे शुभ्रा दत्ता थे उस नाटक की पहली मेहनत की कमाई 33 सौ रुपये मिली थी।
  • लेकिन उनके सीनियर ने 22 सौ रूपये खुद रख लिए थे।
  • और 1100 रूपये उन्हे मिल गए थे।
  • उस वक्त शाहजहांपुर में एक नाटक तैयार कर रहे थे।
  • यहूदी की बेटी के नाम से उसमे कुछ पैसे की जरूरत थी।
  • किसी के पास से नही वह शहर में 250 कलाकारों में सीनियर थे।
  • जब वह शहर आए लोगो ने उन्हें बताया कि पैसे की जरूरत है तो उनको पहली सैलरी 1100 रूपये चढ़ावे बतौर दे दिए।
  • उसके बाद राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में उन्हे बीस हजार रूपये सैलरी पर नौकरी का आफर मिला।
  • लेकिन उन्हे तो बॉलीवुड का सपना देखने के बाद वह नौकरी नही की।
  • तब उन्होंने एक चेतक स्कूटर खरीदा था। जो आज भी उनके घर पर खड़ा है।

राजपाल यादव को सबसे पहला काम कैसे और किसमें मिला जाने अगले पेज पर :

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  • उसके बाद उन्होंने मुम्बई का रूख किया और बहुत ठोकरें खाई काॅफी टाईम मुम्बई में गुजारने के बाद उन्हे एक सीरियल के पांच एपीसोड में काम करने का मौका मिला।
  • एक एपिसोड के उन्हे एक हजार रूपये मिलना शुरू हुए थे।
  • जो उनकी पहली सैलरी थी।
  • लेकिन यही सोचते थे कि कुछ पैसे बचा कर घर बेज दे जिससे कि पिता को भी आराम मिल जाए।
  • धीरे-धीरे उनको 175 से ज्यादा फिल्मों में काम करने का मौका मिला।
  • उन्होंने सन 2000 मे आई जंगल फिल्म के रीलीज होन के बाद एससेंट कार खरीदी थी।
  • वह कार आज भी उनके गांव के घर में खड़ी है जो उनको जान से भी प्यारी है।
  • उस कार के पास आते ही राजपाल ने सबसे पहले उस गाड़ी को चूमते हुए कहा कि इसने मेरा बहुत साथ दिया है
  • ये हमसे कभी अलग नही हो सकती है।
  • शहर के कितने पुराने दोस्त आपके मिलने मुम्बई जाते हैं।
  • क्या आप उनसे मिल पाते हैं।
  • इस सवाल पर कहा कि वह खुद इतना ज्यादा शाहजहांपुर आते हैं कि उन दोस्तों को मुम्बई जाकर मिलने की जरूरत ही नही पङती है।
  • इतना उन्होंने नाम भी कमाया और पैसा भी।
  • लेकिन आज वह जब अपने घर आने के बाद मुम्बई जाते हैं तो उनके परिवार के सभी मेंबर सौ सौ रूपये इकट्ठा करके एक हजार रुपये देते हैं।
  • लेकिन वह पैसे उनकी जिंदगी के सबसे मेहनत के पैसे होते हैं।
  • क्योंकि वह पैसे उनके परिवार के लोग मुम्बई जाने से पहले देते जैसे कोई बच्चा जब स्कूल जाता है।
  • तो चलते वक्त वह अपनी मां से पैसे लेता है इसी तरह से आज भी उन्हे पैसे दिए जाते हैं।

अभिनेता से नेता बने राजपाल, अगले पेज पर जाने किस पार्टी से जुड़ने की अपील की :

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  • सर्व सम्भाव पार्टी से जुड़ने के लिए राजपाल यादव ने पूरे बॉलीवुड से जुड़ने की अपील की है।
  • उनका कहना है कि वह पिछले 6 महिने से अपने भाइयों से बात कर रहे थे।
  • ये विचार उनके भाईयों के है। उसी विचारधारा पर हमने नई पार्टी बनाई है।
  • ये पार्टी देश के दबे कुचले लोगों को आगे लाने के लिए है साथ ही भाईयों को भी राजपाल ने कङे शब्दों में मैसेज दिया कि अगर राजनीति में आने के बाद दलाली करनी है तो वह उनका साथ नही देंगे।
  • सर्व सम्‍भाव पार्टी अपने प्रत्याशी प्रदेश के सभी सीटों पर चुनाव लङेगी।
  • उसका प्रचार वह खुद करेंगे।
  • बताया कि शाहजहांपुर में 6 विधानसभा सीटें है।
  • एक सीट तिलहर विधानसभा से उनके छोटे भाई राजेश नौरंग यादव चुनाव लङेंगे और एक सीट शहर विधानसभा सीट पर वह प्रत्याशी नही भी उतार सकते हैं।
  • क्योंकि इस सीट से बीजेपी विधानमंडल दल शहर विधायक सुरेश कुमार खन्ना है।
  • राजपाल ने बताया कि उनको सन 2000 मे शहर में विधायक सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में उन्हे जनपद रत्न से नवाजा गया था।
  • इसलिए सुरेश कुमार खन्ना के लिए उनके दिल में बहुत इज्जत है।
  • इस बार तो शहर विधानसभा सीट से कोई भी प्रत्याशी उतारने का विचार नही है।
  • उन्होंने बताया कि आने वाले बीस दिन में बरेली मंडल की सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर लिस्ट जारी कर दी जाएगी।
  • ऐसा कौन सा अभिनेता से नेता बना जिसे आप कामयाब मानते हैं
  • इस सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी नजर में कोई कामयाब नही है।
  • कुछ सोचकर कहा कि वह सुनील दत्त और शत्रुघ्न सिन्हा को कुछ कामयाब मानते हैं।
  • कुछ कामयाब इसलिए क्योंकि वह करना तो बहुत कुछ चाहते हैं लेकिन उन्हें करने कुछ भी नही दिया जाता है।
  • साथ ही उन्होंने अपनी जिंदगी के सबसे बुरे दिन के बारे में बताया।

कौन से दिन सबसे बुरे थे राजपाल यादव के जाने अगले पेज पर :

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  • राजपाल यादव के जीवन का सबसे खराब दिन वो था जब शाहजहांपुर के कुछ लोगों ने उनको बदनाम करने की कोशिश की थी।
  • जबकि उनके उपर लगाए गए सभी आरोप गलत थे।
  • लेकिन उन्होंने भी शुभकामनाएं देते हैं।

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