फिल्मकार संजय लीला भंसाली द्वारा ‘पद्मावती’ फिल्म के निर्माण में अलाउद्दीन खिलजी एवं रानी पद्मिनी के बीच काल्पनिक प्रेम सम्बन्ध दर्शाने की कुचेष्टा की जा रही है।
- जोकि न केवल राजपुताना के गौरवशाली इतिहास से खिलवाड़ है,
- अपितु जौहरव्रत धारण करने वाली उन हजारों स्त्रियों का घोर अपमान है जिन्हें हमारे समाज में देवी की मान्यता है।
- इसके विरोध में राजपुताना समाज के लोग शनिवार को राज्यपाल से मिले और ज्ञापन सौंपा।
भंसाली बटोरना चाह रहे सुर्खियां
- राजपुताना समाज का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि भंसाली का यह कृत्य राजपूतों के साथ-साथ पूरे हिन्दू समाज को नीचा दिखाने की साजिश मात्र है।
- जिससे फिल्म को सुर्खियां मिलें और उन्हें अन्ततोगत्वा लाभोत्पार्जन हो।
- इसी संदर्भ में राजपुताना शौर्य फाउण्डेशन ने ज्ञापन के माध्यम से अपना पुरजोर विरोध व्यक्त किया है।
- इसलिए राज्यपाल से भारत के गौरवशाली इतिहास से छेड़छाड़ एवं भारत की नारी जाति को अपमानित होने से बचाने हेतु सार्थक कदम उठाने के साथ ही केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड को समुचित कार्यवाही हेतु निर्देशित करने की कृपा करें।
देशभर में मौजूद हैं 40 हजार सक्रिय सदस्य
- राजपूत हितों एवं सामाजिक दायित्वों से सरोकार रखने वाली अग्रणी संस्था राजपुताना शौर्य फाउण्डेशन (रजि0) जिसके लगभग 40 हजार सक्रिय सदस्य देशभर में मौजूद हैं।
- राजपुताना शौर्य फाउण्डेशन के संचालक मण्डल के सदस्यों महेन्द्र सिंह (रिटायर्ड आईएफएस), अरूण कुमार सिंह,
- शिवशंकर सिंह, अश्वनी शाही राममूर्ति सिंह, हिमांशु सिंह, रुद्रप्रताप सिंह व अवधेश शाही,
- परवीन सिंह विनोद कुमार सिंह ने राज्यपाल उत्तर प्रदेश राम नाईक से मिलकर फिल्मकार संजय लीला भंसाली द्वारा ‘पद्मावती’ फिल्म में रानी पद्मावती के चरित्र हनन व जौहरव्रत का अपमान करने की कुचेष्टा का घोर विरोध किया गया।
- ज्ञापन देकर केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड द्वारा क्षत्रियों के गौरवशाली इतिहास को तोड़मरोड़ कर लज्जित होने से रोकने की मांग की गई।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.