अमेठी जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित है, जो अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है। यहां कई गौशालाएं ( Gaushala in Amethi ) हैं जो गायों के संरक्षण और देखभाल का काम करती हैं। इन गौशालाओं में गायों को आश्रय, भोजन और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में इन गौशालाओं में कुछ घटनाएं भी हुई हैं, जिन्होंने स्थानीय लोगों और प्रशासन का ध्यान खींचा है।


अमेठी की प्रमुख गौशालाएं ( Gaushala in Amethi )

अमेठी जिले में कई गौशालाएं हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  1. सराय हिरदय शाह गौशाला – 149 गायों की क्षमता
  2. कोरारी लक्ष्मण शाह गौशाला – 322 गायों की क्षमता
  3. खारा गौशाला – 572 गायों की क्षमता
  4. सरायया दुबन गौशाला – 714 गायों की क्षमता
  5. मनझगांव गौशाला – 400 गायों की क्षमता

ये गौशालाएं न केवल गायों के लिए आश्रय स्थल हैं, बल्कि यहां गौ-आधारित उत्पादों का उत्पादन भी किया जाता है, जैसे कि दूध, घी, और जैविक खाद।

अमेठी जिले की गौशालाओं की सूची और जानकारी

1. ज़िला और तहसील

  • अमेठी जिले में विभिन्न तहसीलों में स्थित गौशालाएँ:
    • गौरीगंज
    • अमेठी
    • मुसाफिरखाना
    • तिलोई
    • संग्रामपुर
    • भेटुआ
    • भादर
    • शाहगढ़
    • जगदीशपुर
    • शुकुल बाज़ार
    • सिंहपुर

2. प्रमुख गौशालाएँ और उनकी स्थिति

  • अस्थायी आश्रय स्थल (Asthayi Ashray Sthal)
    • रौजा गौशाला (गौरीगंज) – 75 गोवंश
    • सराय हृदय शाह गौशाला (गौरीगंज) – 149 गोवंश
    • भटगवां गौशाला (गौरीगंज) – 126 गोवंश
    • पंडरी गौशाला (गौरीगंज) – 132 गोवंश
    • खारा गौशाला (सिंहपुर) – 572 गोवंश
    • दंडुपुर गौशाला (सिंहपुर) – 339 गोवंश
    • मंजगाँव गौशाला (शुकुल बाजार) – 400 गोवंश
    • सिवली गौशाला (शुकुल बाजार) – 410 गोवंश
    • सारैया डुबान गौशाला (अमेठी) – 714 गोवंश
    • सिंहपुर गौशाला (तिलोई) – 369 गोवंश
  • कान्हा उपवन गौशाला
    • अमेठी कान्हा गौशाला (अमेठी नगर) – 262 गोवंश
    • बहादुरपुर दा जयस कान्हा गौशाला (बहादुरपुर) – 16 गोवंश
    • मुसाफिरखाना कान्हा गौशाला (मुसाफिरखाना) – 133 गोवंश
  • वृहद गौसंरक्षण केंद्र
    • न्यूवाड़ा (मुसाफिरखाना) – 359 गोवंश
    • दक्खिन गांव (शाहगढ़) – 388 गोवंश
    • टीकरमाफी (भादर) – 456 गोवंश
    • खारा (सिंहपुर) – 391 गोवंश

3. कुल आंकड़े

  • कुल गौशालाएँ: 201
  • कुल गोवंश की संख्या: 20149
  • सबसे बड़ी गौशाला: सारैया डुबान (714 गोवंश)
  • सबसे छोटी गौशाला: साथिन कान्हा हाउस (13 गोवंश)

4. प्रमुख मुद्दे और सुधार के प्रयास

  • चारा और जल संकट – कई गौशालाओं में समय-समय पर चारे की कमी देखी गई।
  • चिकित्सा सुविधा – बीमार गोवंश के लिए पशु चिकित्सा शिविर लगाए गए।
  • प्राकृतिक आपदाएँ – कुछ गौशालाओं में वर्षा और बिजली गिरने की घटनाएँ हुईं।
  • सरकारी हस्तक्षेप – प्रशासन ने अतिरिक्त चारा और जल की व्यवस्था की।

1. गौशालाओं का संक्षिप्त परिचय

अमेठी जिले में विभिन्न तहसीलों और ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 201 गौशालाएँ ( Gaushala in Amethi ) स्थित हैं, जिनमें अस्थायी आश्रय स्थल और विस्तृत गौसंरक्षण केंद्र शामिल हैं। इनमें सबसे बड़ी गौशाला खारा (572 गोवंश क्षमता) और सिवली (410 गोवंश क्षमता) हैं।

2. प्रमुख गौशालाओं में हुई घटनाएँ (2022 के बाद)

  • सारैया डुबान गौशाला (714 गोवंश) में 2023 में अत्यधिक गर्मी और बारिश के कारण चारे और पानी की कमी से कई मवेशियों की स्थिति खराब हो गई थी। प्रशासन ने हस्तक्षेप कर समस्या का समाधान किया।
  • सिंहपुर (394 गोवंश) और दंडुपुर (339 गोवंश) गौशालाओं में पशुओं के बीमार पड़ने की घटनाएँ सामने आईं, जिसमें पशु चिकित्सकों की टीम ने जाकर आवश्यक उपचार दिया।
  • सिवली गौशाला में 2024 में चारे की कमी के चलते स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने सहायता भेजी।
  • माहीया सेंधुरिया गौशाला में 2023 में बिजली गिरने के कारण दो गोवंश की मृत्यु हो गई थी।
  • मंजगाँव गौशाला (400 गोवंश) में 2022 में गौ-तस्करी की कोशिश को ग्रामीणों ने नाकाम किया और प्रशासन को सूचित किया।
  • नैना गौशाला (160 गोवंश) में 2023 में एक संदिग्ध बीमारी फैलने के कारण कई गोवंश बीमार हो गए, लेकिन समय पर इलाज मिलने से स्थिति नियंत्रण में आ गई।
  • रास्तामऊ गौशाला में जनवरी 2024 में आग लगने की घटना हुई थी, जिससे तीन गोवंश घायल हो गए।

3. सरकार द्वारा उठाए गए कदम

सरकार और प्रशासन ने समय-समय पर गौशालाओं की स्थिति सुधारने के लिए कदम उठाए हैं:

  • 2023 में कई गौशालाओं में अतिरिक्त चारे और पानी की आपूर्ति की गई।
  • बीमार पशुओं के इलाज के लिए पशु चिकित्सक दल का गठन किया गया।
  • ग्रामीणों और स्वयंसेवी संगठनों को गौशाला प्रबंधन में शामिल किया गया।

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