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गौशाला Gaushala

इटावा जिले की गौशालाएँ और 2022 के बाद हुई प्रमुख घटनाएँ

Etawah Gaushala: 2022 के बाद हुए बदलाव और प्रमुख घटनाएँ

Etawah Gaushala: इटावा जिले की गौशालाओं में 2022 के बाद हुए विकास और चुनौतियाँ

इटावा जिले में गौवंश संरक्षण और देखभाल के लिए विभिन्न स्थायी और अस्थायी गौशालाएँ कार्यरत हैं। प्रशासन द्वारा इन गौशालाओं [ Etawah Gaushala ] में चारे, चिकित्सा सुविधाओं और सुरक्षा का विशेष प्रबंध किया गया है।

गौशाला: उत्तर प्रदेश की सभी गौशालाओं (UP Gaushala) का विवरण

1. इटावा जिले की प्रमुख गौशालाएँ [ Etawah Gaushala ]

इटावा में कुल 75+ गौशालाएँ कार्यरत हैं, जिनमें से कई स्थायी और वृहद गौसंरक्षण केंद्र हैं। जिले में लगभग 9,642 गौवंश संरक्षित किए गए हैं।

अस्थायी आश्रय स्थल (Asthayi Ashray Sthal)

इटावा जिले में प्रमुख अस्थायी गौशालाएँ निम्नलिखित हैं:

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें :: गौशाला: उत्तर प्रदेश के जिलों में 5000 से कम गौवंश

वृहद गौसंरक्षण केंद्र (Vrihad Gau Sanrakshan Kendra)

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें ::  उत्तर प्रदेश में 5000-10,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ

कान्हा उपवन (Kanha Upvan)

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें ::  उत्तर प्रदेश में 10,000-15,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ


2. कुल आंकड़े [ Etawah Gaushala ]

कुल गौशालाएँ: 75+
कुल गोवंश की संख्या: 9,642+
सबसे बड़ी गौशाला: परौली रामायण गौसंरक्षण केंद्र (560 गोवंश)
सबसे छोटी गौशाला: इंद्रोसी (65 गोवंश)

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें ::  उत्तर प्रदेश : 15,000 से 20,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ


3. इटावा की गौशालाओं में हुई प्रमुख घटनाएँ (2022 से अब तक) [ Etawah Gaushala ]

➤ सितंबर 2022 – सहसों गौशाला में चारे की कमी [ Etawah Gaushala ]

➤ जनवरी 2023 – परौली रामायण गौसंरक्षण केंद्र में आगजनी

➤ मई 2023 – लोहाड़ा गौशाला में जलभराव की समस्या

➤ जुलाई 2023 – ताखा गौशाला में संक्रमण फैला

➤ दिसंबर 2023 – गोवंश चोरी की घटनाएँ बढ़ीं

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें :: उत्तर प्रदेश की गौशाला : 20,000 से 25,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ


4. अब तक हुई कुल मौतें और बीमार गोवंश (2022-2024) [ Etawah Gaushala ]

कुल मृत गोवंश: 250+
बीमार हुए गोवंश: 750+

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश : 25,000 से 30,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाओं का अध्ययन


5. प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम

✔ गौशालाओं में चारे और पानी की आपूर्ति बढ़ाई गई।
✔ बीमार पशुओं के इलाज हेतु पशु चिकित्सकों की टीम तैनात की गई।
✔ स्थानीय निकायों द्वारा गौशाला प्रबंधन की निगरानी बढ़ाई गई।
✔ जलभराव और आगजनी जैसी समस्याओं के समाधान के लिए विशेष फंड जारी किया गया।

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश : 30,000 से 40,000 क्षमता वाली गौशालाएं: उन्नाव, लखीमपुर खीरी, ललितपुर और महोबा


इटावा जिले की गौशालाओं (Etah Gaushala, Gaushala in Etawah) में गोवंश की सुरक्षा और उचित प्रबंधन के लिए प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ गौशालाओं में संसाधनों की कमी और प्रबंधन में लापरवाही के कारण मौतों और बीमारियों की घटनाएँ बढ़ रही हैं, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है।

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें : 40,000 से अधिक क्षमता वाली गौशालाएं: हमीरपुर, जालौन (ओरई), झांसी, चित्रकूट, हरदोई, सीतापुर और बांदा

यदि आपको किसी विशेष गौशाला के बारे में जानकारी चाहिए, तो कृपया बताएं। 🚩

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