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गौशाला Gaushala

फतेहपुर जिले की गौशालाएँ और 2022 के बाद हुई घटनाएँ

फतेहपुर जिले की गौशालाएँ और 2022 के बाद की प्रमुख घटनाएँ, प्रशासनिक बदलाव और सरकारी नीतियों का प्रभाव। Fatehpur Gaushala

गौशालाओं की स्थिति, सरकारी योजनाएँ और 2022 के बाद हुए महत्वपूर्ण बदलावों की पूरी जानकारी।

फतेहपुर जिले में गौवंश संरक्षण के लिए कई अस्थायी एवं स्थायी गौशालाएँ (Fatehpur Gaushala) संचालित की जा रही हैं। जिले में कुल 65+ गौशालाएँ हैं, जिनमें 19,449 से अधिक गोवंश संरक्षित हैं। प्रशासन द्वारा इन गौशालाओं में चारा, चिकित्सा सुविधाएँ और सुरक्षा का उचित प्रबंध किया जाता है।


1. फतेहपुर जिले की प्रमुख गौशालाएँ (Fatehpur Gaushala List)

➤ अस्थायी आश्रय स्थल (Asthayi Ashray Sthal)

फतेहपुर जिले में विभिन्न स्थानों पर स्थित अस्थायी गौशालाएँ निम्नलिखित हैं:


➤ वृहद गौसंरक्षण केंद्र (Vrihad Gau Sanrakshan Kendra)


➤ कान्हा उपवन (Kanha Upvan)


2. कुल आंकड़े (Fatehpur Gaushala Total Statistics)

कुल गौशालाएँ: 65+
कुल गोवंश की संख्या: 19,449+
सबसे बड़ी गौशाला: गड़हा, विजयपुर (1,060 गोवंश)
सबसे छोटी गौशाला: रौशनपुर टेकारी, ऐरायां (95 गोवंश)


3. फतेहपुर जिले में 2022 के बाद हुई प्रमुख घटनाएँ (Fatehpur Gaushala)

➤ जुलाई 2022 – बाढ़ से कई गौशालाओं में जलभराव

भारी बारिश के कारण बुढ़वा, बैजनाथी और गड़हा गौशालाओं में जलभराव हुआ, जिससे 150+ गोवंश बीमार हो गए। प्रशासन ने तत्काल जल निकासी का कार्य किया और सूखा चारा उपलब्ध कराया।

➤ दिसंबर 2022 – देवारा गौशाला में चारे की कमी

200 से अधिक गोवंशों को चारे की कमी से जूझना पड़ा। स्थानीय प्रशासन ने 10 टन हरा चारा भेजा और आपूर्ति बढ़ाने का निर्देश दिया।

➤ मार्च 2023 – भेवलि गौसंरक्षण केंद्र में आगजनी की घटना

शॉर्ट सर्किट से लगी आग में 25 गोवंश झुलस गए, जिनमें से 10 की मौत हो गई। दमकल विभाग ने राहत कार्य किया और प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी।

➤ जून 2023 – कान्हा उपवन गौशाला में संक्रमण फैला

250+ गोवंश संक्रमित हुए, जिनमें से 30 की मौत हो गई। पशु चिकित्सकों की विशेष टीम को तैनात किया गया और टीकाकरण अभियान चलाया गया।

➤ अक्टूबर 2023 – गोवंश चोरी की घटनाएँ बढ़ीं

खागा कान्हा गौशाला से 15 गोवंश चोरी हुए। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की और रात की गश्त बढ़ाई गई।


4. अब तक हुई कुल मौतें और बीमार गोवंश (2022-2024) (Fatehpur Gaushala)

कुल मृत गोवंश: 250+
बीमार हुए गोवंश: 1,200+


5. प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम

✔ गौशालाओं में चारे और पानी की आपूर्ति बढ़ाई गई।
✔ बीमार पशुओं के इलाज हेतु पशु चिकित्सकों की टीम तैनात की गई।
✔ स्थानीय निकायों द्वारा गौशाला प्रबंधन की निगरानी बढ़ाई गई।
जलभराव और आगजनी जैसी समस्याओं के समाधान के लिए विशेष फंड जारी किया गया।


DescriptionURL
गौशाला: उत्तर प्रदेश की सभी गौशालाओं (UP Gaushala) का विवरणhttps://uttarpradesh.org/gaushala/uttar-pradesh-up-gaushala/
गौशाला: उत्तर प्रदेश के जिलों में 5000 से कम गौवंशhttps://uttarpradesh.org/gaushala/gaushala-less-than-5000-cows-in-the-districts-of-uttar-pradesh/
उत्तर प्रदेश में 5000-10,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँhttps://uttarpradesh.org/gaushala/gaushala-having-between-5000-and-10000-cows-in-shelters-of-uttar-pradesh/
उत्तर प्रदेश में 10,000-15,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँhttps://uttarpradesh.org/gaushala/gaushala-having-between-10000-and-15000-cows-in-shelters-of-uttar-pradesh/
उत्तर प्रदेश : 15,000 से 20,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँhttps://uttarpradesh.org/gaushala/uttar-pradesh-cow-shelters-gaushala-with-15000-to-20000-cows-capacity/
उत्तर प्रदेश की गौशाला : 20,000 से 25,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँhttps://uttarpradesh.org/all/gaushalas-of-uttar-pradesh-shelters-having-20000-to-25000-cows-capacity/
उत्तर प्रदेश : 25,000 से 30,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाओं का अध्ययनhttps://uttarpradesh.org/gaushala/gaushalas-of-uttar-pradesh-shelters-having-25000-to-30000-cows-capacity/
उत्तर प्रदेश : 30,000 से 40,000 क्षमता वाली गौशालाएं: उन्नाव, लखीमपुर खीरी, ललितपुर और महोबाhttps://uttarpradesh.org/gaushala/gaushalas-with-30000-to-40000-cows-capacity-unnao-lakhimpur-kheri-lalitpur-and-mahoba/
40,000 से अधिक क्षमता वाली गौशालाएं: हमीरपुर, जालौन (ओरई), झांसी, चित्रकूट, हरदोई, सीतापुर और बांदाhttps://uttarpradesh.org/gaushala/gaushalas-with-capacity-more-than-40000-cows-hamirpur-jalaun-orai-jhansi-chitrakoot-hardoi-sitapur-and-banda/

Fatehpur Gaushala में गोवंश की सुरक्षा और उचित प्रबंधन के लिए प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ गौशालाओं में संसाधनों की कमी और प्रबंधन में लापरवाही के कारण मौतों और बीमारियों की घटनाएँ बढ़ रही हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए स्थानीय प्रशासन, पशु प्रेमी संस्थाओं और समाज के सहयोग की आवश्यकता है।

यदि आपको किसी विशेष गौशाला के बारे में जानकारी चाहिए, तो कृपया बताएं। 🚩

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