फिरोजाबाद में गौशालाओं की स्थिति [ Firozabad Gaushala ]

फिरोजाबाद जिले में कई स्थायी और अस्थायी गौशालाएँ संचालित की जा रही हैं। इन गौशालाओं [ Firozabad Gaushala ] का उद्देश्य निराश्रित और बेसहारा गायों को आश्रय देना है। जिले में कुल 9837 गौवंशों के लिए विभिन्न गौशालाओं की व्यवस्था की गई है। प्रमुख गौशालाएँ इस प्रकार हैं:

गौशाला का नामस्थानगौवंश क्षमता
कान्हा गौशाला, फिरोजाबादफिरोजाबाद शहर309
आर्य नगर गौशालाफिरोजाबाद0
कान्हा गौशाला, सिरसागंजसिरसागंज340
गौशाला राही गेस्ट हाउसशिकोहाबाद293
गौशाला, टूंडलाटूंडला76
बड़ा गाँव गौशालाजसराना240
वी.जी.एस.के. करिखेड़ासिरसागंज421
गौशाला, उरावर मंडवासिरसागंज100
मडावली वृहद गौ संरक्षण केंद्रटूंडला471
पहाड़ीपुर बोंडेला गौशालाटूंडला381
गौशाला, पिंडसारासिरसागंज67
गौशाला, सिकंदरपुर कोटलाटूंडला67
गौशाला, अकलपुर दमदरपुरफिरोजाबाद21
गौशाला, मखानपुरशिकोहाबाद60

2022 के बाद गौशालाओं में हुई घटनाएँ [ Firozabad Gaushala ]

  1. गौवंशों की मृत्यु की घटनाएँ
    2022 में फिरोजाबाद जिले की कई गौशालाओं में चारा और चिकित्सा सुविधा की कमी के चलते गौवंशों की मृत्यु हुई। रिपोर्टों के अनुसार, कान्हा गौशाला और उरावर मंडवा गौशाला में सर्दियों के दौरान लगभग 30 से 40 गौवंशों की मृत्यु हुई थी। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से बेहतर व्यवस्था की माँग की थी।
  2. भूख और कुपोषण की समस्या
    2023 में सिरसागंज और टूंडला की गौशालाओं में गौवंशों के लिए चारे की भारी कमी देखी गई। कई संगठनों ने आरोप लगाया कि गौशालाओं को मिलने वाला अनुदान सही तरीके से खर्च नहीं किया जा रहा है, जिससे गौवंशों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पा रहा है।
  3. गौशालाओं में भ्रष्टाचार के आरोप
    कई रिपोर्टों में यह सामने आया कि कुछ गौशालाओं में भ्रष्टाचार के चलते चारे की आपूर्ति बाधित हो रही है। 2023 में एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फिरोजाबाद नगर निगम द्वारा संचालित गौशालाओं में अनियमितताएँ देखी गईं, जिससे सरकारी फंड का दुरुपयोग हुआ।
  4. सड़क पर घूमते आवारा गौवंश
    गौशालाओं की स्थिति खराब होने के चलते कई गौवंश सड़कों पर घूमते हुए नजर आए। 2024 में टूंडला, शिकोहाबाद और सिरसागंज में कई सड़क दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें गौवंश के कारण वाहनों को नुकसान हुआ और कुछ लोगों की जान भी गई।
  5. गौशाला में आग की घटना
    अप्रैल 2024 में फिरोजाबाद जिले की एक गौशाला में आग लग गई, जिससे 15 से अधिक गौवंशों की जलकर मौत हो गई। प्रारंभिक जाँच में बिजली के शॉर्ट सर्किट को कारण बताया गया, लेकिन कई संगठनों ने इसमें लापरवाही का मामला दर्ज करने की माँग की।

सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया [ Firozabad Gaushala ]

इन घटनाओं के बाद स्थानीय प्रशासन और सरकार ने गौशालाओं की स्थिति सुधारने के लिए कुछ उपाय किए, जिनमें शामिल हैं:

  • सभी गौशालाओं में नियमित चारा आपूर्ति सुनिश्चित करना।
  • चिकित्सा सुविधाओं में सुधार लाना।
  • भ्रष्टाचार की जाँच के लिए एक विशेष टीम बनाना।
  • स्थानीय लोगों और संगठनों को गौसेवा में शामिल करना।

फिरोजाबाद की गौशालाओं [ Firozabad Gaushala ] में कई समस्याएँ बनी हुई हैं, जिनमें चारा संकट, गौवंशों की मृत्यु, भ्रष्टाचार और अव्यवस्था प्रमुख हैं। 2022 के बाद हुई घटनाओं ने यह साबित किया है कि प्रशासन को अधिक सख्ती और जवाबदेही से काम करने की आवश्यकता है। यदि इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो गौवंशों की स्थिति और बदतर हो सकती है। स्थानीय प्रशासन, सरकार और आम नागरिकों को मिलकर इन गौशालाओं को सुधारने की दिशा में कार्य करना चाहिए।

DescriptionURL
गौशाला: उत्तर प्रदेश की सभी गौशालाओं (UP Gaushala) का विवरणhttps://uttarpradesh.org/gaushala/uttar-pradesh-up-gaushala/
गौशाला: उत्तर प्रदेश के जिलों में 5000 से कम गौवंशhttps://uttarpradesh.org/gaushala/gaushala-less-than-5000-cows-in-the-districts-of-uttar-pradesh/
उत्तर प्रदेश में 5000-10,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँhttps://uttarpradesh.org/gaushala/gaushala-having-between-5000-and-10000-cows-in-shelters-of-uttar-pradesh/
उत्तर प्रदेश में 10,000-15,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँhttps://uttarpradesh.org/gaushala/gaushala-having-between-10000-and-15000-cows-in-shelters-of-uttar-pradesh/
उत्तर प्रदेश : 15,000 से 20,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँhttps://uttarpradesh.org/gaushala/uttar-pradesh-cow-shelters-gaushala-with-15000-to-20000-cows-capacity/
उत्तर प्रदेश की गौशाला : 20,000 से 25,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँhttps://uttarpradesh.org/all/gaushalas-of-uttar-pradesh-shelters-having-20000-to-25000-cows-capacity/
उत्तर प्रदेश : 25,000 से 30,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाओं का अध्ययनhttps://uttarpradesh.org/gaushala/gaushalas-of-uttar-pradesh-shelters-having-25000-to-30000-cows-capacity/
उत्तर प्रदेश : 30,000 से 40,000 क्षमता वाली गौशालाएं: उन्नाव, लखीमपुर खीरी, ललितपुर और महोबाhttps://uttarpradesh.org/gaushala/gaushalas-with-30000-to-40000-cows-capacity-unnao-lakhimpur-kheri-lalitpur-and-mahoba/
40,000 से अधिक क्षमता वाली गौशालाएं: हमीरपुर, जालौन (ओरई), झांसी, चित्रकूट, हरदोई, सीतापुर और बांदाhttps://uttarpradesh.org/gaushala/gaushalas-with-capacity-more-than-40000-cows-hamirpur-jalaun-orai-jhansi-chitrakoot-hardoi-sitapur-and-banda/

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