उत्तर प्रदेश में गौशालाओं की स्थिति: गौवंश संरक्षण का प्रयास

उत्तर प्रदेश में गौशालाओं की स्थिति पर नजर डालें तो कई जिलों में 5000 से कम गौवंश गौशालाओं ( Less Than 5000 Cow In Shelters ) में संरक्षित हैं। सरकार और सामाजिक संगठनों द्वारा इन गौशालाओं में गौवंशों की देखभाल के लिए विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही हैं।


1. पूर्वांचल के प्रमुख जिले और गौशालाओं में गौवंशों की संख्या ( Less Than 5000 Cow In Shelters )

उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में गौशालाओं में रह रहे गौवंशों की संख्या निम्नलिखित है:

  • कुशीनगर: 1452 गौवंश
  • संत कबीर नगर: 1712 गौवंश
  • महराजगंज: 2001 गौवंश
  • चंदौली: 2219 गौवंश
  • रामपुर: 2535 गौवंश
  • बलिया: 2568 गौवंश
  • सोनभद्र: 2584 गौवंश
  • देवरिया: 2699 गौवंश

इन जिलों में गौशालाओं में रहने वाले गौवंशों की संख्या अपेक्षाकृत कम है, जिससे प्रबंधन करना तुलनात्मक रूप से आसान होता है।


2. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले और गौवंश संरक्षण ( Less Than 5000 Cow In Shelters )

पश्चिमी यूपी में गौशालाओं में रखे गए गौवंशों की स्थिति कुछ इस प्रकार है:

  • शामली: 2811 गौवंश
  • सहारनपुर: 3104 गौवंश
  • मऊ: 3463 गौवंश
  • हापुड़: 3686 गौवंश

इन जिलों में गौशालाओं में बेहतर प्रबंधन और चारा-पानी की समुचित व्यवस्था आवश्यक है।


3. प्रमुख जिलों में गौशालाओं में बढ़ती संख्या ( Less Than 5000 Cow In Shelters )

कुछ जिलों में गौवंशों की संख्या 4000 से अधिक हो चुकी है, जिससे इनके रखरखाव और देखभाल के लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता होती है।

  • बस्ती: 4464 गौवंश
  • गोरखपुर: 4676 गौवंश
  • अंबेडकर नगर: 4982 गौवंश

ये जिले गौवंश संरक्षण के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं और यहाँ पर अधिक संसाधनों की आवश्यकता है।


4. गौशालाओं में रखरखाव और आवश्यक सुविधाएँ

गौशालाओं में गौवंशों की उचित देखभाल के लिए निम्नलिखित सुविधाएँ होनी चाहिए:

  • पर्याप्त चारा और पानी: एक गाय को प्रतिदिन 15 किलो चारा और 75-80 लीटर पानी चाहिए।
  • स्वास्थ्य सुविधाएँ: समय-समय पर टीकाकरण और दवाइयों की आपूर्ति अनिवार्य होनी चाहिए।
  • खुले स्थान की उपलब्धता: गौवंशों को खुले में घूमने के लिए पर्याप्त जगह मिलनी चाहिए।
  • सुरक्षा प्रबंधन: गौशाला परिसर में सुरक्षित बाड़ और शेड की व्यवस्था होनी चाहिए।

5. सरकार द्वारा उठाए गए कदम

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गौशालाओं के संचालन के लिए वित्तीय सहायता और योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • गौशाला निर्माण योजना
  • गोवंश सहायता अनुदान योजना
  • आवारा गौवंश संरक्षण अभियान

इन योजनाओं के माध्यम से सरकार चारा, चिकित्सा सुविधाएँ और आश्रय उपलब्ध करा रही है।


उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गौशालाओं में गौवंशों की संख्या 5000 से कम है, जिससे बेहतर प्रबंधन किया जा सकता है। हालाँकि, बढ़ती संख्या वाले जिलों में अधिक संसाधनों की जरूरत है। सरकार और समाज के सहयोग से इन गौशालाओं को और बेहतर बनाया जा सकता है, जिससे गौवंशों को उचित देखभाल और संरक्षण मिल सके।

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