भारत के इतिहास का हर एक दिन स्वर्णिम अक्षरों में इतिहास की किताब में लिखा जा चुका है. यहाँ पर पैदा होने वाले शूरवीरों की कहानी सुनने वालों को जीवन की एक नयी दिशा प्रदान करती है. यही नहीं इन सभी का जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए किसी मार्गदर्शन से कम नहीं है.

स्वतंत्र सिख राज्य की उठी थी मांग :

  • पंजाब के सिखों द्वारा एक अनोखी तरह की मांग उठायी गयी थी.
  • यह सन 1960 की बात है जब कुछ समुदायों द्वारा सिखों के लिए एक अलग राज्य की मांग हुई थी.
  • यही नहीं इस दौरान सिखों द्वारा दिल्ली जाकर केंद्र सरकार के लगातार मांग की थी.
  • जिसके चलते आज ही के दिन सन 1960 में 783 आंदोलन कर रहे सिखों को गिरफ्तार कर लिया गया था.
  • बता दें कि यह आंदोलन धीरे धीरे करके एक बड़ी हिंसात्मक घटना में बदल गया था.
  • कहीं ना कहीं सिखों के इस आंदोलन के कारण की 1984 में सिखों के साथ हुई बर्बरता जुड़ी हुई है.
  • जिसके चलते देश भर में लाखों सिख इसकी भेंट चढ़ गए थे और निर्मम हत्याएं हुई थीं.

अन्य कुछ झलकियाँ :

  • 1761 में आज ही के दिन पानीपत के युद्ध में बालाजी बाजीराव जो तीसरे पेशवा थे हार गए थे.
  • यह युद्ध 12 जूस से 23 जून तक चला था जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गयी थी.
  • 1894 में आज ही के दिन बुशोत्तोम विश्वनाथ बापट का जन्म हुआ था.
  • वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध पाली भाषा विशेषज्ञ, अनुवादक और संपादक रहे थे.
  • 1897 में आज ही के दिन संभावित रूप से इतिहास में सबसे गंभीर भूकंप असम में आया था.
  • यह इतना आक्रामक था कि इसके चलते यूरोप के क्षेत्र के आकार पर आघात की लहरें बन गयी थी.
  • 1952 में आज ही के दिन जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने वंशानुगत राजतंत्र को खत्म करने का फैसला किया था.
  • 1972 में आज ही के दिन डीजी तेंदुलकर जो एक इतिहासकार थे उनकी मृत्यु जो गयी थी.
  • बता दें कि उन्होंने महात्मा गांधी की आत्मकथा लिखी थी.
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