वर्ष 1984 में सिख समुदाय के साथ हुए बर्बरता के अंतर्गत चल रहे मामलों में अब पांच और नए मामले जुड़ गए हैं. बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान पांच और नए मामले खोल दिए गए हैं जो सबूतों के अभाव में वर्ष 1986 में बंद कर दिए गए थे. आपको बता दें कि इन मामलों के दोबारा खुलने के साथ ही इस बर्बरता में शिकार बने परिवारो को एक आशा की किरण नज़र आई है. जिसके बाद अब कोर्ट द्वारा SIT को इन मामलों में दोबारा जांच करने के आदेश दे दिए गए हैं.

293 मामलों में से 190 मामले सबूतों के अभाव में हुए थे बंद :

  • 1984 में सिख समुदाय के साथ हुई बर्बरता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा कदम उठाया है.
  • बता दें कि कोर्ट द्वारा इस हिंसा से जुड़े पांच अन्य मामलों को दोबारा खोला गया है.
  • गौरतलब है कि इस हिंसा के 293 मामलों में से 190 मामले ऐसे हैं जो सबूतों के अभाव में बंद कर दिए गए हैं.
  • जिसके बाद कोर्ट द्वारा पांच और नए मामलों को दोबारा खोला जाना पीड़ित परिवारों के लिए उम्मीद की एक किरण है.
  • यही नहीं कोर्ट द्वारा इन मामलों को खोलने के साथ ही भारतीय यूनियन को आगाम 25 अप्रैल तक इस सभी 190 मामलों के बंद होने वजह बताने व रिकॉर्ड पेश करने को कहा है.
  • हालाँकि अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के अनुसार कहा गया कि इन सभी मामलों में किसी भी तरह का कोई सुराग या आरोपी का नाम सामने नहीं आया है.
  • इससे पहले इन मामलों के तहत हुई सुनवाई में सरकार द्वारा कोर्ट के सामने इन स्टेटस रिपोर्ट रखी गयी थी.
  • जिसके बाद कोर्ट द्वारा सरकार को चार सप्ताह का समय दिया था जिससे इस मामले की आगे होनी वाली कार्यवाई बताई जा सके.
  • आपको बता दें कि सिखों के साथ होने वाली हिंसा ने तब जन्म लिया था जब पूर्व प्रधानमन्त्री इंदिरा गाँधी की ह्त्या दो सिख सुरक्षाकर्मियों द्वारा कर दी गयी थी.
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