सर्वोच्च न्यायालय ने मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी श्रीकांत प्रसाद पुरोहित की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा था। आज इस पर बड़ा फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित (Lt Col purohit) की जमानत को मंजूरी दे दी है। बता दें कि इस मामले में एक अन्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा को अप्रैल में ही जमानत मिल चुकी है।

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9 साल तक काटी जेल में सजा  :

  • कथित अपराध के जुर्म में कर्नल पुरोहित को कड़े अपराध के लिए मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध अधिनियम) के तहत पांच साल से अधिक समय तक बिना ट्रायल के जेल सजा काटनी पड़ी।
  • विस्फोटों की जांच शुरू में महाराष्ट्र एटीएस (आतंकवाद विरोधी दस्ते) को सौंपी गई थी।
  • इस एजेंसी ने आधिकारिक तौर पर 5 नवम्बर 2008 को पुरोहित की गिरफ्तारी की घोषणा की।
  • लेकिन पुरोहित के साथ ही भारतीय सेना के अधिकारी कर्नल आर.के. को भी 29 अक्टूबर 2008 को एटीएस की अवैध हिरासत में ले लिया गया।
  • हालांकि, एनआईए ने अप्रैल 2011 में जांच के लिए मालेगांव विस्फोट मामले को ले जाने के बावजूद, आज तक पुरोहित के खिलाफ एनआईए द्वारा कोई आरोप पत्र दायर नहीं किया।

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कर्नल पुरोहित को झेलनी पड़ी शारीरिक यातनाएं :

  • कर्नल पुरोहित को 6 साल तक जेल में कई प्रकार की शारीरिक यातनाएं झेलनी पड़ी।
  • पुरोहित ने बताया कि  उन्हें जेल में पूछताछ के दौरान कुर्सी पर बांधा गया, थप्पड़ मारा गया।
  • उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान अधिकरी कुर्सी से बंधे मेरे पैरों पर खड़े हो जाया करते थे।
  • बताया कि निरंतर चोट और यातना के बाद भी मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जाता था। 
  • उन्होंने बताया कि जेल में पुलिस मुझे मेरी मां, पत्नी और बहन गाली दिया जाता था।

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मोदी सरकार में हुआ बड़ा खुलासा :

  • खबरों के मुताबिक 2014 में केंद्र में सत्ता परिवर्तन होने के बाद मोदी सरकार में पहली बार यह खुलासा हुआ कि कर्नल पुरोहित पर अभी तक कोई चार्जशीट नही दाखिल हुई है।
  • सेना लगातार कहती रही कि कर्नल उनके ही मिशन पर थे लेकिन उन्हें सियासी साजिश के तहत फंसा दिया गया।
  • बताया जा रहा है कि मोदी सरकार आने के बाद तेजी से कानूनी कार्रवाई शुरू हुई।
  • 15 अप्रैल 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ किया कि कर्नल पुरोहित के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
  • इसलिए उनकी जमानत पर विचार होना चाहिए, उन पर मकोका भी हटा दिया गया।
  • मगर कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाते हुए उनकी जमानत को मंजूरी दे दी है।

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