भारत का इतिहास अपने आप में किसी गौरवगाथा से कम नहीं है. इस देश का प्रत्येक दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज है. भारत में इतिहास का हर एक दिन स्वर्णिम अक्षरों में इतिहास की किताब में लिखा जा चुका है. यहाँ पर पैदा होने वाले शूरवीरों की कहानी सुनने वालों को जीवन की एक नयी दिशा प्रदान करती है. यही नहीं इन सभी का जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए किसी मार्गदर्शन से कम नहीं है.

टीपू सुलतान आज ही के दिन बने थे मैसूर के राजा :

  • भारत के इतिहास में कई शासकों का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है.
  • इन्ही में से एक मैसूर के राजा टीपू सुलतान का भी नाम है.
  • बता दें कि आज ही के दिन सन 1783 में उन्हें इस क्षेत्र का शासक घोषित किया गया था.
  • जिसके साथ ही उन्होंने मैसूर के राजपाठ को संभालने के साथ ही अपनी एक अनूठी मिसाल रखी थी.
  • आपको बता दें कि उन्हें यह पद शासक हैदर अली की मृत्यु के बाद मिला था.
  • उन्होंने इस पद को बड़ी सादगी से ग्रहण किया था और अपना कार्यभार संभालते हुए उन्होंने शासन का एक उदाहरण रखा था.
  • आपको बता दें कि अपने शासनकाल में टीपू सुलतान ने अंग्रेज़ी हुकूमत की ईंट से ईंट बजा दी थी.
  • साथ ही दक्षिण भारत में अंग्रेज़ो ने उनके डर से अपने पाँव वापस खींच लिए थे.

अन्य कुछ झलकियाँ :

  • 1799 में आज ही के दिन टीपू सुलतान की एक युद्ध के द्दौरान मृत्यु हो गयी थी.
  • 1854 में आज ही के देश का पहला डाक टिकट कोलकाता में जारी हुआ था.
  • बता दें कि यहाँ पर देश का पहला मॉडर्न डाक घर खोला गया था.
  • 1923 में आज ही के दिन प्रसिद्ध फिल्मकार मृणाल सेन का जन्म हुआ था.
  • 1959 में आज ही के दिन पंडित जवाहरलाल नेहरु ने भारत और पाकिस्तान के बीच संधि से इनकार कर दिया था.
  • बता दें कि यह संधि विरोध कर रहे देश चीन के खोलाफ की जानी थी.
  • 1980 में आज ही के दिन कोयले की खदानों में काम करने वाले मजदूरों के लिए मजदूर दिवस मनाया गया था.
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