तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित भगवान् शिव की आदियोगी मूर्ति ने इतिहास रच दिया है. बता दें कि 112 फुट ऊंची इस मूर्ति ने अपना नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा लिया है. जिसके बाद यह मूर्ति विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति के रूप में प्रसिद्ध हो गयी है. बता दें कि यह मूर्ति प्रसिद्ध धर्मगुरु जग्गी वासुदेव की संस्थान ईशा योगा सेंटर के प्रयासों से निर्मित है.

पीएम मोदी ने 24 फरवरी को किया था उद्घाटन :

  • कोयंबटूर स्थिति भगवान् शिव की 112 फुट ऊंची मूर्ति ने एक इतिहास रच दिया है.
  • बता दें कि इस मूर्ति का उद्घाटन खुद पीएम मोदी द्वारा गत 24 फरवरी को किया गया था.
  • इस दौरान यहाँ पर कई संस्कृतिक कार्यक्रम भी रखे गए थे और कई अहम जानकारियाँ भी दी गयी थी.
  • भगवान शिव की इस मूर्ति का नाम आदियोगी रखा गया था और इसकी ऊंचाई 112 फुट बतायी गयी थी.
  • यही नहीं इस मूर्ति की चौड़ाई 24.99 मीटर हैं और लंबाई करीब 147 फुट है.
  • जिसके बाद इस मूर्ति को विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति का दर्जा दिया गया है.
  • इस मूर्ति को बनाने में करीब 38 माह का समय लगा है जिसके बाद देश ने एक कीर्तिमान स्थापित किया है.
  • आपको बता दें कि भगवान शिव की इस मूर्ति को जो चेहरा प्रदान किया गया है वह बेहद मनमोहक है.
  • इस मूर्ति का उदघाटन खुद पीएम मोदी द्वारा धर्मगुरु जग्गी वासुदेव और उनकी संस्थान की मौजूदगी में किया गया था.
  • बता दें कि इस मूर्ति का उदघाटन हाल ही में गत 24 फरवरी को पीएम मोदी द्वारा किया गया है.
  • इस कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी द्वारा अपने व्यस्त कार्यकाल में से समय निकाला गया था.
  • जिसके बाद इस मूर्ति का उद्घाटन होना संभव हो पाया था और इस मौके पर कई कार्यक्रम भी हुए थे.
  • जिसके बाद इब इस मूर्ति द्वारा इतिहास रच दिया गया है और अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया गया है.
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