Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
India

घोटालों की लिस्ट में एक और नया नाम, ‘एयर इंडिया घोटाला’ आया सामने

air india

air india

नई दिल्ली : देश में अभी ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले पर बहस चल ही रही थी कि एक और घोटाला सामने आया ‘एयर इंडिया‘ से जुड़ा हुआ जिसमें विमान में चढ़ने वाले यात्रियों की पहचान के लिये उपयोग किया जाने वाला उपकरण ‘बायोमीट्रिक फेशियल रिकग्निशन डिवाइस‘ खरीदी गई थी। ये जरुरत इस लिए दिखाई गयी ताकि इसके माध्यम से कमीशन बनाया जा सके।

ज़ी न्यूज ने एक रिपोर्ट के माध्यम से एयर इंडिया में घोटाला होने का दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, बायोमीट्रिक फेशियल रिकग्निशन डिवाइस खरीदने के लिए 24 फरवरी 2006 को एयर इंडिया प्रार्थना प्रस्ताव भी जारी किया था और इस टेंडर के लिए कनाडा की क्रिप्टोमेट्रिक्स सहित 20 कंपनियों ने आवेदन किया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, टेंडर हासिल करने के लिये क्रिप्टोमेट्रिक्स ने नाजिर कारीगर नामक अप्रवासी भारतीय उद्योगपति के ज़रिए एयर इंडिया के अधिकारियों को रिश्वत दी थी। घोटाले की बात इसलिए सामने आई  क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार, नाजिर कारीगर के पास टेंडर की पूरी कॉपी दो महीने ही पाई गई थी।

टेंडर के लिए क्रिप्टोमेट्रिक्स को आगे रखने के लिए 4 लाख 50 हजार डॉलर की रिश्वत नाजिर कारीगर के मुंबई के अकाउंट में दी गई। मामले में रिश्वत के लेन-देन के लिये भी कॉन्ट्रैक्ट किया गया था, जिसके मुताबिक 40 लाख डॉलर यानी 26 करोड़ 64 लाख रुपये की रिश्वत तत्कालीन उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल को देना थी। बाद में ये डील अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पाई। सिर्फ दस्तावेजों में नाम होने से यह स्पष्ट नहीं होता है कि वह व्यक्ति दोषी है लेकिन संदेह की स्थिति जरूर बन गई है।

जी न्यूज़ ने इस मामले से जुड़े सारे दस्तावेज अपने पास होने का दावा किया है। नाजी कारीगर ने इस मामले में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है और तत्कालीन उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल से मिलकर रिश्वत की रकम उनको सौंपने का दावा भी किया। इस मामले से एयर इंडिया के पूर्व सुरक्षा निदेशक का नाम भी सामने आया है। कनाडा के ओन्टोरियो की सुपीरियर कोर्ट ऑफ जस्टिस का फैसला भी इस मामले का एक और महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसमें नाजिर कारीगर को एयर इंडिया के अधिकरियों को रिश्वत देने के मामले में दोषी पाया गया था। 

जी न्यूज़ की मानें तो उनके एयर इंडिया की चीफ विजिलेंस ऑफिसर मंजरी कक्कड़ की लिखी हुई चिट्ठी है, जिसमें क्रिप्टोमेट्रिक्स को टेंडर दिये जाने पर सवाल उठाए गए हैं और कहा गया है कि ये टेंडर कनाडा की इस कंपनी को नहीं दिया जाना चाहिए था।

प्रफुल्ल पटेल ने इस सन्दर्भ में सफाई देते हुए कहा है कि नाजिर कारीगर ने उनके और कुछ दूसरे लोगों के नाम का गलत इस्तेमाल किया। प्रफुल्ल पटेल ने अदालत के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में उनकी भूमिका साबित नहीं होती है और ऐसे किसी फैसले में उनका या उनके मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप नहीं नहीं रहा है। मामले में एयर इंडिया के तत्कालीन सीएमडी वासुदेवन तुलसीदास का भी नाम है।

मामले पर संदेह इस लिए किया जा रहा है कि अगर प्रफुल्ल पटेल को ये जानकारी थी कि कारीगर उनके नाम का गलत इस्तेमाल कर रहा था तो उन्होंने जाँच क्यों नहीं करवाई इस पूरी प्रक्रिया की। चूँकि ये मामला प्रफुल्ल पटेल के कार्यकाल से जुड़ा हुआ है इसलिए प्रफुल्ल पटेल की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं इस पुरे मामले में और वो बार-बार अपनी सफाई देते हुए खुद को बेदाग भी बता रहे हैं।

Related posts

Scare and sell: Here’s how an Indian call centre cheated foreign computer owners

Desk
8 years ago

बाबा राम रहीम द्वारा ‘MSG-2’ के पैसे से खोला गया ‘स्किन बैंक’!

Vasundhra
8 years ago

वीडियो: शादी से इंकार करने पर लड़की ने किया लड़के का बुरा हाल!

Shashank
8 years ago
Exit mobile version