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अक्षय तृतीयाः 71 वर्षों बाद बन रहा महासिद्धि योग

Akshaya Tritiya: Maha Siddhi Yog becoming 71 years later

Akshaya Tritiya: Maha Siddhi Yog becoming 71 years later

आज अक्षय तृतीया है। 71 वर्षों बाद महासिद्धि योग बन रहा है। स्नान-दान, जप-तप आदि कार्यों का अक्षय फल प्रदान करने वाली अक्षय तृतीया आज मनाई जाएगी। इस दिन सूर्योदय से लेकर 14 घंटे 40 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। वहीं अक्षय तृतिया पर 71 वर्षों बाद महासिद्धि योग बन रहा है। इसके पहले 1947 में अक्षय तृतिया के दिन कृतिका नक्षत्र का योग बना था। ज्योतिषाचार्य नरेन्द्र उपाध्याय, आचार्य पंडित शरद चंद्र मिश्र एवं पंडित राकेश पाण्डेय के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन 18 अप्रैल को सूर्योदय प्रात: 5:40 बजे और सर्वार्थ सिद्धि योग सूर्योदय से रात्रि 8:20 बजे तक विद्यमान रहेगा। सुबह से लेकर रात्री पर्यंत तक महासिद्धि योग बना रहेगा। यह योग अक्षय तृतिया पर 71 वर्षों के बाद बन रहा है। इससे पहले वर्ष 1947 में अक्षय तृतीया दिन बुधवार को कृतिका नक्षत्र से युक्त थी।

पूजन विधि-

शास्त्रानुसार अक्षय तृतीया को अनंत-अक्षय-अक्षुण्ण फलदायक माना गया है। सुबह उठकर नित्यकर्म से निवृत होने के बाद शांत चित्त होकर विधि-विधान से श्री हरी विष्णु का मां लक्ष्मी सहित पूजन करें। भगवान विष्णु का दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर अभिषेक करें। अगर यह अभिषेक मन से किया जाए तो मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं और आपको धन से मालामाल कर देती हैं। लक्ष्मीनारायण की पूजा सफेद और पीले फूलों से करने पर हर मनोकामना पूर्ण होती है।

इन चीजों का करें दान

अक्षय तृतीया का त्यौहार ग्रीष्म ऋतु में आता है इसलिए इस दिन ठंडी चीजों का दान करना चाहिए जैसे जौ, गेहूं, चने, दही, चावल, खिचड़ी, गन्ना अथवा उसका रस, ठंडाई, दूध और दूध से बने हुए पदार्थ, सोना, वस्त्र, जल अथवा जल से भरा घड़ा आदि दान करें।

क्यों मनाई जाती हैं अक्षय तृतीया

हिन्दू धर्म में इसे बहुत ही शुभ तिथि माना जाता है। इस दिन लोग नई वस्तुए खरीदते हैं। व्यापारियों के लिए भी अक्षय तृतीया का खास महत्व होता हैं। अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाई जाती हैं। आपको बताते चले कि अक्षय तृतीय के दिन ही भगवान परशुराम जी का जन्म हुआ था। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है। परशुराम जी की गणना दशावतारों में होती है। इस दिन पुण्य का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन ख़रीदा गया सोना अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता हैं कि  इस दिन किसी भी काम में लगाई गई पूंजी दिन दुगनी और रात चौगुनी बढ़ती हैं और कारोबार भी फलता-फूलता हैं।

हिन्दू धर्म में अक्षय तृतीया को लेकर कई मान्यताएँ हैं

1.भगवान विष्‍णु के छठें अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम का जन्‍म हुआ था। परशुराम ने महर्षि जमदाग्नि और माता रेनुकादेवी के घर जन्‍म लिया था। यही कारण है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्‍णु की उपासना की जाती है। इसदिन परशुरामजी की पूजा करने का भी विधान है।

2.इस दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरीत हुई थीं। राजा भागीरथ ने गंगा को धरती पर अवतरित कराने के लिए हजारों वर्ष तक तप कर उन्हें धरती पर लाए थे। इस दिन पवित्र गंगा में डूबकी लगाने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।

3.इस दिन मां अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी मनाया जाता है। इस दिन गरीबों को खाना खिलाया जाता है और भंडारे किए जाते हैं। मां अन्नपूर्णा के पूजन से रसोई तथा भोजन में स्वाद बढ़ जाता है।

4.अक्षय तृतीया के अवसर पर ही म‍हर्षि वेदव्‍यास जी ने महाभारत लिखना शुरू किया था। महाभारत को पांचवें वेद के रूप में माना जाता है। इसी में श्रीमद्भागवत गीता भी समाहित है। अक्षय तृतीया के दिन श्रीमद्भागवत गीता के 18 वें अध्‍याय का पाठ करना चाहिए।

5.भगवान शंकरजी ने इसी दिन भगवान कुबेर माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने की सलाह दी थी। जिसके बाद से अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और यह परंपरा आज तक चली आ रही है।

6.अक्षय तृतीया के दिन गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी,  चांदी, आदि चीजे दान करने का महत्व दिन माना जाता हैं. इस दिन आप जितना भी दान करते हैं उसका चार गुना फल प्राप्त होता हैं। माना जाता हैं कि इस दिन किये गए कार्य का पुण्य कभी बेकार नही जाता हैं।

आज से शुरू होगी चार धाम की यात्रा

बुधवार से चार धाम की यात्रा शुरू होगी। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलेंगे। चार धाम यात्रा 18 अप्रैल से शुरू हो रही है। 18 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। इन दोनों धाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी। केदारनाथ धाम मंदिर के कपाट 29 अप्रैल को, जबकि बद्रीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलेंगे।

खाली जेब से कैसे गुलजार होगा बाजार

अक्षय तृतीया आज है और लोगों की जेबें खाली है। अब सवाल ये उठता है है कि खाली जेब से बाजार गुलजार कैसे होगा। अक्षय तृतीया को लेकर बाजार पूरी तरह से तैयार है, लेकिन कैश की किल्लत ने व्यापारियो को मायूस कर रखा है। कल सबसे बडी खरीददारी सर्राफा बाजार में होती है, लेकिन कैश की कमी से बाजार मे उत्साह नही नजर आ रहा है। देश के कई राज्यों में कैश की किल्लत की खबरें हैं। कई छोटे शहरों में एटीएम खाली हैं और बाहर ‘नो कैश’ का बोर्ड लगा है। उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार, गुजरात, झारखंड और मध्यप्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में एटीएम में कैश न होने की शिकायत आ रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि उनके इलाके में नोटबंदी जैसे हालात दिखने लगे हैं।रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कई राज्यों में हुए कैश संकट से निपटने के लिए कमिटी बनाई है।

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