अमेरिका ने एच-1बी वीजा प्रक्रिया में एक अहम निर्णय लिया है. अमेरिका द्वारा प्रीमियम प्रोसेसिंग को 6 महीनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया है.भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर के नेतृत्व में एक टीम इस मुद्दे पर चर्चा करने अमेरिका गयी थी. जिसके बाद भी यह निर्णय लिया गया.

प्रधानमन्त्री मोदी ने भी की थी अपील

  • भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर के साथ एक टीम अमेरिका गयी थी.
  • एच-1बी वीजा पर वहां काफी गहन चर्चा हुई थी,
  • फिर भी अमेरिका का ये निर्णय आश्चर्यचकित कर रहा है.
  • पिछले महीने इस मुद्दे पर प्रधानमन्त्री मोदी ने अमेरिकी सांसदों के साथ एक बैठक की थी.
  • उन्होनें अमेरिका से इसपर सकारत्मक रैवैया अपनाने को कहा था.
  • साथ ही अमेरिका और भारत के बीच मज़बूत रिश्तों पर भी बात हुई थी.
  • प्रधानमन्त्री मोदी ने अपील करते हुए कहा था कि भारत के कई पेशेवर लोग
  • अमेरिका आते जाते रहते हैं. उनकी सहूलियत के लिए
  • एक सकारत्मक निर्णय बेहद ज़रूरी है.

प्रीमियम प्रोसेसिंग का असर

  • अगर प्रीमियम प्रोसेसिंग की प्रक्रिया चालू रहती तो
  • एच-1बी वीजा के आवेदनों पर तेज़ी से काम हो पाता.
  • भारत के लिए ये निर्णय बहुत बड़ा झटका कहा जा सकता है.
  • भारत द्वारा इसपर बात किये जाने के बावजूद प्रीमियम प्रोसेसिंग को बंद करना.
  • बेहद संवेदनहीन माना जाएगा.
  • एच-1बी वीजा को मंज़ूरी मिलने में छह महीने का वक़्त लग जाता है.
  • वहीँ कम्पनियों द्वारा 25 डॉलर की प्रीमियम भुगतान करने पर
  • एच-1बी वीजा 15 दिन में मिल जाता है.
  • अब अमेरिका द्वारा प्रीमियम पर छह महीने का प्रतिबन्ध लगने के बाद.
  • इसका भारतीयों पर काफी गहरा असर पड़ेगा.
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