अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चीन के विरोध को दरकिनार करते हुए आज व्हाइट हाउस में दलाई लामा से मुलाकात की। राष्ट्रपति के कल जारी कार्यक्रम के अनुसार ओबामा ने आज सुबह व्हाइट हाउस में दलाई लामा से मुलाकात की। जिसके बाद माना जा रहा है कि ओबामा के इस कदम से निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता को अलगाववादी मानने वाले चीन की त्योरियां चढ़ सकती हैं।

  • अमेरिकी राष्ट्रपति ने दलाई लामा से यह मुलाकात व्हाइट हाउस के ‘मैप रूम’ में की जिसमें प्रेस को आने की अनुमति नहीं होती है।
  • मालूम हो कि दलाई लामा इस समय अमेरिका की यात्रा पर हैं, और अमूमन जब भी तिब्बती आध्यात्मिक नेता अमेरिकी राजधानी में होते हैं तो अमेरिका के राष्ट्रपति उनसे मुलाकात करते हैं।
  • हालांकि अमेरिका का मानता है कि तिब्बत, चीन का ही भाग है लेकिन दलाई लामा की अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ हर मुलाकात चीन को नाराज कर देती है।
  • इससे पहले व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा था कि दलाई लामा के धार्मिक एवं आध्यात्मिक नेता होने के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति उनसे मुलाकात करते हैं।
  • डेमोक्रेटिक नेता नैंसी पेलोसी ने कहा कि तिब्बत में तिब्बतियों की संख्या को कमजोर करने की चीन की हर प्रकार की कोशिश वास्तव में बहुत गलत होगी।
  • नैंसी ने ओबामा के दलाई लामा से मुलाकात करने के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि दलाई लामा की अमेरिका के साथ मित्रता एवं अमेरिका में दोनों पार्टियों के नेताओं की ओर से उन्हें मिलने वाला सम्मान ‘तिब्बती स्वायत्ता के न्यायसंगत होने के प्रति हमारे दृढ़ सम्मान को दर्शाता है।’
  • उन्होने कहा, ‘आजादी पसंद लोग अगर तिब्बत में दमन के खिलाफ बात नहीं करते हैं तो हमें विश्व में कहीं भी मानवाधिकारों की बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।’
  • ‘तिब्बतियों एवं विश्व भर के लोगों के लिए सम्मानजक होने के कारण वे हमें हमारी बड़ी जिम्मेदारी का एहसास कराते हैं कि हम मानवाधिकारों की रक्षा करने, समानता को प्रोत्साहित करने एवं पर्यावरण की रक्षा करने के लिए काम करें।’
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