2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की मोदी लहर से मुकाबले के लिए विपक्षी दलों ने एकजुट होना शुरू कर दिया है। देश के प्रत्येक राज्य में भाजपा विरोधी गठबंधन बनने की कवायद शुरू हो गयी है। इसी क्रम में लोकसभा चुनाव के पहले विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने राहुल गांधी से मिलने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। इन बड़े नेताओं की बैठक के अब कई सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं।

कई दलों के नेताओं से मिले नायडू :

दिल्ली पहुंचे आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। इन महाबैठकों के बीच नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की। इसके बाद दोनों नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

इसमें नायडू ने कहा कि देश हित में उन्होंने कांग्रेस के साथ आने का फैसला लिया है। पत्रकार वार्ता में शरद पवार ने कहा कि चंद्रबाबू ने सुझाव दिया कि हम सभी को मिलकर देश और लोकतंत्र को बचाने पर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की इस मुलाकात का उद्देश्य यही था। हमारा मिशन देश और लोकतंत्र को बचाना होगा।

देश में है गंभीर संकट :

टीडीपी सुप्रीमों नायडू ने शरद पवार को देश का बड़ा नेता बताया। उन्होंने कहा कि देश आज गंभीर संकट में है। लोकतंत्र, इसकी संस्थाओं को लेकर स्थितियां ठीक नहीं हैं। हमने कई दूसरे दलों के नेताओं से भी बात की है। उन्होंने कहा कि वह देश में घूम-घूमकर विपक्षी नेताओं से मिलेंगे। चुनावी अजेंडा की बात को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है, हमें सीटें नहीं चाहिए। जो भी ऐंटी-बीजेपी पार्टियां हैं, वे आज मिली हैं।

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