अन्ना हजारे ने किसानों के विभिन्न मांगों को लेकर भूख हड़ताल चौथे दिन भी दिल्ली के रामलीला मैदान में जारी रखा। बता दें कि अन्ना भ्रष्टाचार की जांच के लिए केंद्र और राज्यों में लोकायुक्त लोकपाल नियुक्त करने, चुनाव तंत्र में सुधार और देश में कृषि संकट के हल के लिए एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है। उन्होंने कहा कि सरकार चर्चा की कोशिश कर रही है, लेकिन मैंने साफ कर दिया है कि जब तक कोई बड़ा फैसला नहीं लिया जाता अनशन पर बैठे रहेंगे।

अन्ना हजारे ने कहा है कि, भूख हड़ताल से कुछ वजन जरूर कम हुआ है लेकिन अगले 10 दिनों तक कोई दिक्कत नहीं है, शरीर में जब तक प्राण है आंदोलन करते रहेंगे। हमने प्रण लिया है कि आजीवन समाज के लिए काम करता रहूंगा। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार के एक मंत्री का फोन चर्चा के लिए आया था, लेकिन मैंने साफ कहा कि कुछ बड़ा फैसला लेकर ही चर्चा के लिए आएं।

राजनीतिक दलों से नहीं मिलेगी मंच पर जगह

बकौल अन्ना हजारे इस बार राजनीतिक व्यक्यिों को मंच पर जगह नहीं दी जाएगी। यदि किसी दल का नेता इस आन्दोलन में समर्थन देता है उसे भी भीड़ के साथ ही जगह दी जाएगी। बता दें कि अन्ना हजारे काफी समय से किसान आन्दोलन को लेकर देशभर में भ्रमण कर रहे थे। वह किसानों की फिक्स आमदनी व न्यूनतम मूल्य निर्धारण के लिए केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। बताया जा रहा है कि इस आन्दोलन में शामिल होने के लिए देश भर से किसान पहुंच रहे हैं। इस आन्दोलन में अन्ना हजारे किसानों के हित की लड़ाई लड़ रहे हैं।

दिल्ली पुलिस ने दी अनशन की अनुमति

दिल्ली पुलिस ने अन्ना हजारे को रामलीला मैदान में भूख हड़ताल की अनुमति दे दी है। दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर जांच के उपरांत यह अनुमति दी है। बता दें कि अन्ना हजारे ने बीते दिनों घोषणा की थी कि 23 मार्च से दिल्ली जेल में सत्याग्रह किया जाएगा लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी। अन्ना ने एक प्रेस वार्ता में कहा था कि मैंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को चार महीने में 16 पत्र लिखे हैं। लेकिन मुझे अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।

किसान बिल सहित अन्य मांगे

रामलीला मैदान में आज से अनशन करने जा रहे समाजसेवी अन्ना हजारे का कहना है कि कुछ आयोग सरकार के नियंत्रण में है उन्हें पूर्ण रूप से संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए तथा उसपर से सरकार का नियंत्रण हटना चाहिए। कहा कि कृषि मूल्य आयोग, चुनाव आयोग, नीति आयोग या इस तरह के अन्य आयोगों पर सरकार का नियंत्रण है।

बुजुर्ग किसानों को मिले पेंशन

जिन किसानों का जीविकोपार्जन हेतु कोई आय नहीं है ऐसे किसानों को 60 साल बाद 5000 हजार रुपय पेंशन दिए जाने की मांग की। वहीं संसद में किसान बिल को पास करने की मांग की। कहा कि हमारा संविधान सभी को जीने का अधिकार देता है। इस बार जो लड़ाई होगी वो आर-पार की होगी।

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