राजधानी दिल्ली में दो दिनों तक चलन  वाले भारत- आशियान शिखर सम्मेलन में आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ पीएम मोदी ने हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आसियान- भारत शिखर सम्मेलन में आप सभी का स्वागत करते हुए मुझे आपार खुशी हो रही है। हमारी यह साझा यात्रा हजारों सालों से चली आ रही हैं। यह भारत के लिए सौभाग्य की बात है कि वह आसियान नेताओं की मेहमानवाजी कर रहा है। आप सभी आसियान नेता गणतंत्र दिवस के मौके पर हमारे अतिति होंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि प्राचीन महाकाव्य रामायण में आसियान और भारतीय उपमहाद्वीप के बीच अहम साझा विरासत रहा है। बौद्ध धर्म हमें भी करीब से बांधे रखता है। दक्षिण पूर्वी एशिया के कई हिस्सों में इस्लाम में विशिष्ट भारतीय संबंध कई सदियों से देखने को मिल रहे हैं।

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पीएम मोदी ने कहा कि 1992 में जब से हमारी साझेदारी विकसित हुई, तबसे हमने पांच साल की कार्ययोजना के जरिये शांति, प्रगति और साझा समृद्धि के लिए आसियान भारत के उद्देश्यों को लागू करने में सफलता हासिल की है।

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पीएम ने कहा कि भारत में आप सभी के सामूहिक उपस्थिति ने इस देश के सवा सौ करोड़ भारतीयों के दिलों को छूआ है। भारत, नियम आधारित समाजों और शांति के मूल्यों के लिए आसियान विजन साझा करता है।  हम समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए आसियान देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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