डोनाल्ड ट्रम्प की  जीत में रीढ़ की हड्डी इस शख्स को माना जा रहा है.लखनऊ आईआईएम से पढ़े अविनाश इर्गावारापू  ने हर रोज़ ट्रम्प की प्रेसिडेंटशिप जीतने की स्ट्रेटेजी पर काम किया है.

ट्रम्प की इलेक्शन टीम में स्टेट चीफ कैम्पेनर

  • अविनाश ने इस 21 सितम्बर तक हार रहे डोनाल्ड ट्रम्प को जिताने में रात दिन एक कर दिया.
  •  अविनाश इस इलेक्शन स्ट्रेटेजी के अलावा  कोर टीम में आईटी स्ट्रैटजी और डाटा क्रंचिंग देख रहे थे।
  • सिर्फ 45 दिनों की सोच ने ट्रम्प को बाज़ीगर बना दिया.

22 सितम्बर की  बैठक में बनी थी नयी प्रणाली

  • अविनाश ने बताया की मीटिंग में पार्टी की कई जानी मानी हस्तियाँ मौजूद थी.
  • उस मीटिंग के बाद रिपब्लिकन पार्टी कार्यकर्ताओं ने हर रोज़ 19- 23 घंटे काम किया.
  • उस मेहनत का नतीजा ही है की ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए हैं.

टीम सदस्य शलभ ने दिया अबकी बार ट्रम्प सरकार का आईडिया

  • अपनी कम्पैनिंग के दौरान ट्रम्प कई बार अबकी बार ट्रम्प सरकार बोलते दिखे.
  • ये भी एक सोची समझी स्ट्रेटेजी थी जिसे टीम सदस्य शलभ ने बनाई थी.
  • करीब बारह हज़ार लोग ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी को जिताने के लिए मेहनत कर रहे थे.
  • सुबह पांच बजे से रात तीन चार बजे तक चलता था काम.

हिलेरी को नुक्सान ने दिलाई ट्रम्प को जीत स्ट्रेटेजी का हिस्सा

  • पहले ट्रम्प और ट्रम्प को चुने जाने पर फायदे की  मार्केटिंग की थी.
  • सितम्बर मे हिलेरी  को कमजोर दावेदार और उनकी कमियां उजागर करने की बनी थी स्ट्रेटेजी.
  • इस प्लान पर हर रोज़ करीब बीस घंटा काम किया गया है.
  • नई स्ट्रैटजी में वोटर्स के जेंडर, एजुकेशन, इनकम ग्रुप और नागरिकता के आधार पर एंटी हिलेरी मैसेज फ्लोट किया जाने लगा।
  • महिलाओं को एंटी हिलेरी और एंटी वीमेन स्टेटमेंट भेजे गए जिससे ट्रम्प को समर्थन मिला.
  • इस तरह हिलेरी और ट्रम्प के बीच कांटे का मुकाबला हुआ और हिलेरी की प्रसिद्धि कम हो गई.
  • अमेरिका में रहने वाले भारतीय अब की बार ट्रम्प सरकार से काफी प्रभावित हुए.
  • नमो मोदी का ये नारा ट्रम्प जीत का सबसे बड़ा पैतरा था .
  • जिससे सारे  अमेरिकन भारतीय वोट ट्रम्प की झोली में आये.
  • इस तरह ट्रम्प ने अपनी  अमेरिकन प्रेसिडेंट चुने जाने  पर जीत दर्ज की.
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