देश में एक बार अवार्ड वापसी का दौर शुरु हो गया है। दार्जिलिंग में गोरखालैंड आंदोलन के समर्थन में उपन्‍यासकार केएस मुखतन ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दिया गया अवार्ड लौटा दिया है।

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उपन्यासकार ने लौटाया अवार्ड :

  • दार्जिलिंग में गोरखालैंड के समर्थन में उपन्‍यासकार केएस मुखतन ने अपना पुरस्कार लौटा दिया है।
  • उन्होंने अवार्ड लौटाने की घोषणा करते हुए कहा कि वे राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में अवार्ड लौटा रहे हैं।
  • आगे कहा कि ‘दार्जिलिंग के लोग यह आंदोलन गोरखालैंड के लिए कर रहे हैं जो कि उनका अधिकार है।
  • कहा कि सरकार के विरोध और आंदोलन के समर्थन के प्रतीक के रूप में, मैं अवार्ड सरकार को लौटाता हूं।

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गायक करमा योंजन ने भी लौटाया पुरस्कार :

  • मुखतन के साथ गायक करमा योंजन ने भी दिसंबर 2016 में मिले अवार्ड को लौटा दिया है।
  • उन्‍होंने कहा कि दिसंबर 2016 में एक अवार्ड मिला था, विरोध में सरकार को लौटा रहा हूं, मुझे ये अवार्ड नहीं चाहिए।

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गोरखालैंड में एक महीने जीवन अस्त-व्यस्त :

  • पश्चिम बंगाल के उत्तरी पर्वतीय इलाके में पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर पिछले महीने भर से अस्थिरता चल रही है।
  • स्थानीय गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल GJM ने पुलिस पर अपने कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगाया है।
  • पुलिस ने हालांकि इससे इनकार किया है।
  • GJM द्वारा बुलाई गई अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते इस पर्वतीय इलाके में लगातार 29 दिनों से जन-जीवन अस्त व्यस्त है।

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