सेनायें तो विश्व के कई देशों में मौजूद हैं परंतु भारतीय सेना जैसी सेना पूरे विश्व में कहीं नहीं है. देश के जवानों का अपने देश के लिए जो प्रेम है वह देखते ही बनता है. भारत के सैनिक अपनी मातृभूमि पर किसी भी घुसपैठिये को कदम नहीं रखने दे सकते हैं. जिसके लिए वे अपनी जान की बाजी भी लगा देते हैं. हमारे देश के जवानों में भारत माँ के लिए जो भावना है वह किसी और देश में देखने को नहीं मिल सकती है.

ऐसे ही एक जवान चेतन चीता भी है, बता दें कि चेतन चीता CRPF के कमांडेंट हैं जो बांदीपोरा में हुए आतंकी हमले में बड़ी बहादुरी से लड़ें थे. इस दौरान वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे साथ ही उन्हें अपनी एक आँख भी गंवानी पड़ी थी. जिसके बाद अब वे पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हैं साथ ही अस्पताल से जल्द ही डिस्चार्ज भी किये जा सकते हैं.

दो माह तक कोमा में रहने के बाद अब होंगे डिस्चार्ज :

  • जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में गत फरवरी के माह में एक भयानक मुठभेड़ हुई थी.
  • बता दें कि इस मुठभेड़ के दौरान एक जवान ने बड़ी बहादुरी का परिचय दिया था.
  • यह जवान कोई और नहीं बल्कि CRPF के कमांडेंट चेतन चीता हैं.
  • इस मुठभेड़ में उन्हें सर और चेहरे पर काफी चोटें आई थीं, साथ ही उन्हें अपनी एक आँख भी गंवानी पड़ी थी.
  • परंतु इसके बाद भी उनके जज़्बे में कमी नहीं आई थी और उन्हें अस्पताल ले जाए जाने से पहले तक वे बड़ी बहादुरी से लड़ते रहे थे.
  • आपको बता दें कि जवान चेतन चीता करीब दो माह तक कोमा में रहे थे.
  • जिसके बाद उनका कोमा से बाहर आकर स्वस्थ होना डॉक्टरों को चमत्कारिक लग रहा है.
  • दरअसल उनके सर में काफी चोटें थीं जिसके कारण उनका करीब 24 घंटे तक ऑपरेशन चला था.
  • इस ऑपरेशन में उनके सर की एक तरफ का दबाव कम किया गया था.
  • इसके साथ ही उनकी एक आँख का भी डॉक्टरों द्वारा इलाज किया गया था.
  • हालाँकि डॉक्टरों के अनुसार उनकी आँख को अब ठीक नहीं किया जा सकता है.
  • जिसके बाद अब करीब दो माह तक अपने जीवन के लिए लड़ने के बाद आखिरकार उन्होंने जीत हांसिल कर ली है.
  • बता दें कि उनकी पत्नी के अनुसार उनकी हालत अब स्थिर है और उन्हें जल्द ही डिस्चार्ज किया जा सकता है.
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